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Aurangabad News : पावर ग्रिड का काम 90 प्रतिशत पूरा

Aurangabad News: मार्च तक चालू होने की संभावना, आम लोगों को मिलने लगेगा लाभ

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दाउदनगर.

जिले के नवीनगर व दाउदनगर में 132/33 केवीए के एक-एक बिजली पावर ग्रिड का निर्माण कराया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है. दाउदनगर में करीब 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. प्रशासनिक भवन, कंट्रोल रूम, आवासीय बिल्डिंग, स्विच यार्ड आदि का कार्य हो चुका है. 50-50 एमवीए का दोनों ट्रांसफाॅर्मर भी लगाया जा चुका है. तार खींचने का काम जारी है. किसानों के खेतों में टावर लगाने में कुछ समस्याएं आ रही हैं. सूत्रों से पता चला कि लगभग 90 करोड़ की लागत से दाउदनगर के चमन बिगहा में पावर ग्रिड का निर्माण कराया जा रहा है. दाउदनगर में कार्य प्रगति पर है. मार्च 2025 तक इसे चालू होने की संभावना जतायी जा रही है. यानी मार्च 2025 में दाउदनगर को पावर ग्रिड के रूप में नये वर्ष का एक नया सौगात मिल सकता है.

बिजली संचरण की व्यवस्था होगी बेहतर

दाउदनगर में पावर ग्रिड का निर्माण होने से बिजली की संचरण व्यवस्था सही होगी. दाउदनगर में बारुण व औरंगाबाद ग्रिड से बिजली आपूर्ति होती है. किसी प्रकार की तकनीकी खराबी आने के बाद बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है. पावर ग्रिड का निर्माण होने से इस समस्या से निजात मिलेगा और दाउदनगर के पावर ग्रिड से बिजली आपूर्ति हो सकेगी. दाउदनगर में बिजली संचरण की व्यवस्था सही होगी. दाउदनगर पावर सब स्टेशन से ट्रांसमिशन ग्रिड अधिक दूरी पर है. इस वजह से जब बिजली आपूर्ति व्यवस्था में कोई खराबी आती है, तो उपभोक्ता परेशान हो जाती है.

पहले से जिले में पांच पावरग्रिड, दो का चल रहा काम

वर्तमान में जिला मुख्यालय में एक, बारुण में दो, गोह व रफीगंज में एक-एक पावर ग्रिड है, जिससे जिले के विभिन्न पावर सभी स्टेशनों में बिजली की आपूर्ति की जाती है. सूत्रों से पता चला कि नवीनगर पावर ग्रिड के बन जाने से झारखंड से सटे इलाकों में लो वोल्टेज की समस्या से काफी निजात मिल सकता है. दोनों ग्रिड के बन जाने से बिजली उपभोक्ताओं को बिजली के क्षेत्र में सुविधा होगी. किसानों को सिंचाई के लिए सुविधा पूर्वक पर्याप्त वोल्टेज के साथ बिजली मिल सकेगी. ग्रिड निर्माण हो जाने के कारण ब्रेकडाउन की समस्या खत्म हो जायेगी. लो वोल्टेज की समस्या समाप्त हो जायेगी. कम बिजली सप्लाई की भी समस्या खत्म हो जायेगी. लो वोल्टेज की स्थिति में बिजली के उपकरण भी खराब होने की संभावना बनी रहती है. गर्मी में सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ती है. बारिश होने के बाद तो फॉल्ट की समस्या उत्पन्न हो जाती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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