औरंगाबाद शहर. जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में शनिवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की गयी. सर्वप्रथम डीएम के निर्देशानुसार बैठक की कार्रवाई शुरू की गयी और पिछली बैठक के अनुपालन प्रतिवेदन की समीक्षा की गयी. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी दयाशंकर ने जिले में संचालित योजनाओं एवं उसकी प्रगति से सभी को अवगत कराया. असैनिक कार्यों की समीक्षा में पाया गया कि जिले के आठ विद्यालय जिनमें नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का भवन का निर्माण कराया जाना था, के पास भूमि उपलब्ध नहीं है. डीएम द्वारा निर्देश दिया गया कि प्रत्येक विद्यालय की जांच कराकर वस्तुस्थिति से अवगत कराएं. जमीन की उपलब्धता के लिए सीओ व स्थानीय जनप्रतिनिधि से भी मंतव्य प्राप्त करें. यह भी मुद्दा उठा कि आरटीइ के तहत प्रत्येक निजी विद्यालयों में प्रथम कक्षा में नामांकित छात्रों की संख्या का 25 प्रतिशत नामांकन कमजोर व अलाभकारी समूह से लिया जाना है, लेकिन अधिकाशंतः विद्यालयों द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है. डीएम द्वारा सभी विद्यालयों की जांच कर अगली बैठक में प्रतिवेदन की मांग की गयी है. समावेशी शिक्षा की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा विद्यालयों में अध्यनरत जिले के सभी दिव्यांग बच्चों की पहचान करने के लिए एक जांच टीम का गठन करने का निर्देश दिया गया. सभी दिव्यांग बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र एवं यूडीआइडी कार्ड निर्गत कराने का निर्देश दिया गया. समीक्षा के दौरान विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड बनाने की गति धीमी पायी गयी. डीएम द्वारा इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया गया. इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित अन्य योजनाओं की समीक्षा की गयी व आवश्यक निर्देश दिये. इसके साथ ही बैठक की कार्यवाही समाप्त की गयी. बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित शिक्षा विभाग के सभी जिला एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारियों व संभाग प्रभारियों ने भाग लिया.
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