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सोन नदी में फिर से उफान, अलर्ट जारी
एक पखवारे के अंदर तीसरी बार बाढ़ के खतरे ने उड़ायी तटीय इलाके के लोगों की नींद खतरे के निशान से ऊपर बह रही पुनपुन औरंगाबाद/दाउदनगर : औरंगाबाद जिला पिछले कई दिनों से बाढ़ का कहर झेल रहा है. सोन, पुनपुन, बटरे, बटाने, केशहर, मदार नदी में जलस्तर बढ़ जाने के कारण जिले के नवीनगर, […]
एक पखवारे के अंदर तीसरी बार बाढ़ के खतरे ने उड़ायी तटीय इलाके के लोगों की नींद
खतरे के निशान से ऊपर बह रही पुनपुन
औरंगाबाद/दाउदनगर : औरंगाबाद जिला पिछले कई दिनों से बाढ़ का कहर झेल रहा है. सोन, पुनपुन, बटरे, बटाने, केशहर, मदार नदी में जलस्तर बढ़ जाने के कारण जिले के नवीनगर, दाउदनगर, कुटुंबा, मदनपुर समेत कई प्रखंडों में स्थिति भयावह हो गयी है. अंबा देव पथ पर आवागमन बाधित हो गया है. वही, कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिसके कारण लोगों को आने जाने में काफी परेशानी हो रही है.
सोन नदी ने तोड़ा रिकार्ड : सोन नदी ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ कर रख दिया है. पिछले कई दिनों से सोन नदी में 6 लाख क्यूसेक से लेकर 10 लाख क्यूसेक तक पानी बह रहा है.
फिलहाल सोन नदी में 9 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है. इसके कारण नवीनगर के अलावे दाउदनगर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जो फिर से भारी तबाही मचा सकती है. वही, पुनपुन नदी में खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर पानी बह रहा है. जबकि, अदरी नदी में पानी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. इससे शहर के कई इलाकों में पानी घुसने की संभावनाए बढ़ गयी हैं. इसके अलावे जिले के अन्य नदियाें में पानी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी कंवल तनुज ने हाइ अलर्ट घोषित कर दिया है. वही, सभी सपदाधिकारियों की छुट्टी अगले आदेश तक रद्द कर दी है. वही, दोनो एसडीओ को बाढ़ पर लगातार नियंत्रण रखने का निर्देश दिया है. साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर चलाने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया है.
दाउदनगर प्रतिनिधि के अनुसार ,दो दिनों के भीतर दुबारा और बारह दिनों के भीतर तीसरी बार बाढ़ आने की संभावना से लोग डरे सहमे हैं. एसडीओ राकेश कुमार ने बताया कि इन्द्रपुरी बराज से करीब 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना प्राप्त हुई है. सोमवार की देर शाम तक दाउदनगर में पानी पहुंच जायेगा. प्रशासनिक स्तर पर अलर्ट जारी कर दिया गया है.
ओबरा और दाउदनगर सीओ को निर्देश दिया गया है कि सोनतटीय इलाकों में माइक से एनांउसमेंट कराकर लोगों से सोनतटीय इलाकों में नहीं जाने की अपील करे. एसडीओ के आदेश के आलोक में सीओ द्वारा एनाउंसमेंट भी कराया जा रहा है. दूसरी ओर प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाण सागर व रिहन्द से छोड़ा गया पानी इन्द्रपुरी बराज आने के बाद सोननद में छोड़ा गया है. रविवार शाम से रात होते-होते सोन के पूरी तरह उफान पर आ जाने की पूरी संभावना है.
दाउदनगर सीओ विनोद सिंह ने बताया कि सोनतटीय इलाकों से सटे गांवों के लोगों को एलर्ट कर दिया गया है. एचसीसी कंपनी को भी अलर्ट कर दिया गया है. मध्य विद्यालय संख्या-01 एवं मध्य विद्यालय संख्या-02 में राहत कैंप लगाया गया है.
एचसीसी के कर्मियों को दी गयी छुटटी: सोन पुल निर्माण करा रही एचसीसी कंपनी ने अपने कर्मियों को छुट्टी दे दी है.
प्रोजेक्ट मैनेजर एम श्रीनिवास राव एवं प्रशासनिक प्रबंधक आशुतोष कुमार पांडेय ने बताया कि कार्यालय परिसर की सफाई करायी जा रही थी. इसी दौरान बाढ़ की सूचना मिलने के बाद सभी कर्मियों को राहत कैंप पहुंचा दिया गया है. साथ ही उन्हें छुट्टी पर भेजा जा रहा है. अब बाढ़ का खतरा पूरी तरह टलने के बाद भी कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने में कम से कम एक महीने का समय लगेगा.
दाउदनगर (अनुमंडल) . सोननद में फिर से पानी छोड़े जाने के बाद खासकर सोनतटीय क्षेत्र से सटे इलाकों के लोगों को पूरी तरह अलर्ट रहना होगा. ओबरा प्रखंड के नवनेर, तेजपुरा, अधौरा, लबदना, दाउदनगर प्रखंड के अंछा, जागा बिगहा, ठाकुर बिगहा, शहर का जमालपुर(सोन पुल घाट), बालूगंज, काली स्थान(महादेवा घाट), अमृत बिगहा, भगवान बिगहा, मेवा बिगहा, महमदपुर आदि गांव सोननद से सटे हुये हैं. शुक्रवार से लेकर शनिवार की दोपहर तक बाढ़ का पानी इन गांवों के काफी नजदीक तक आ चुका था. वार्ड पार्षद रामऔतार चौधरी ने आशंका व्यक्त की कि यदि अधिक जलस्तर बढ़ा तो सोन से सटे गांव पूर्व की अपेक्षा अधिक प्रभावित हो सकते हैं. बाढ के कारण बालूगंज के तेरह घर अब तक क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.
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