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रउआ से विनती करब कि मगही आठवीं अनुसूचि में शामिल करीं
औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने संसद में उठायी मांग औरंगाबाद शहर : हिंदुस्तान की संसद में गुरुवार को मगही भाषा की गूंज सुनाई पड़ी. औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने मगही भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग लोकसभा अध्यक्ष से की. सांसद ने मगही स्वर में मगही भाषा की […]
औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने संसद में उठायी मांग
औरंगाबाद शहर : हिंदुस्तान की संसद में गुरुवार को मगही भाषा की गूंज सुनाई पड़ी. औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने मगही भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग लोकसभा अध्यक्ष से की. सांसद ने मगही स्वर में मगही भाषा की तारीफ की और लोकसभा अध्यक्ष से मांग करते हुए कहा कि ‘रउआ से विनती करब की मगही भाषा के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विश्व में मगही भाषा के प्रचलन के देखइत संविधान के आठवीं अनुसूची में जोड़े की कृपा करी, ई उपकार जीवन भर ना भूलब’ . सांसद ने कहा कि हमारी भाषा मगही है.
यह भाषा झारखंड,बिहार और नेपाल के कुछ हिस्सों में बोली जाती है. लगभग दो करोड़ लोग मगही भाषा बोलने वाले है, लेकिन अभी तक मगही भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूचि में शामिल नहीं किया गया है. यह भाषा सभी भाषाओं की बुनियाद है. भगवान बुद्ध की तपोस्थली भी इसी क्षेत्र में आती है. मगध सम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र थी, जो आज पटना है.
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