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महिला ओपीडी रहा बंद, बिना इलाज के लौटे मरीज
सदर अस्पताल. एक महिला डॉक्टर छुट्टी पर, तो दूसरी बिना सूचना के गायब औरंगाबाद (ग्रामीण) : औरंगाबाद सदर अस्पताल में पिछले 24 घंटे से स्वास्थ्य सेवा चरमरा सी गयी है. चिकित्सक का अभाव झेल रहे इस अस्पताल से अब महिला चिकित्सक भी धीरे-धीरे अपनी सेवा देने से पीछे हटने लगी हैं. मात्र दो महिला चिकित्सकों […]
सदर अस्पताल. एक महिला डॉक्टर छुट्टी पर, तो दूसरी बिना सूचना के गायब
औरंगाबाद (ग्रामीण) : औरंगाबाद सदर अस्पताल में पिछले 24 घंटे से स्वास्थ्य सेवा चरमरा सी गयी है. चिकित्सक का अभाव झेल रहे इस अस्पताल से अब महिला चिकित्सक भी धीरे-धीरे अपनी सेवा देने से पीछे हटने लगी हैं. मात्र दो महिला चिकित्सकों के भरोसे महिलाओं का हो रहा इलाज अब खटाई में दिखता नजर आ रहा है.
एक महिला चिकित्सक डाॅ लालसा सिन्हा 16 जून से लंबी छुट्टी पर है, तो दूसरे चिकित्सक डाॅ मणी कुमारी भी छुट्टी पर जाने का मन बना रही है . वैसे मणी कुमारी 20 जून को पूरे दिन अस्पताल नहीं आयी. इस वजह से महिला ओपीडी में सुबह से ही ताला लटका रहा.
पता चला है कि 19 जून को भी महिला ओपीडी की सेवा मरीजों को नहीं मिली. सुबह से दूर-दूर से आये महिला मरीजों को बिना इलाज कराये बैरंग वापस लौटना पड़ा. प्रसव वार्ड की स्थिति भी बेहद खराब थी. रविवार और सोमवार को प्रसव वार्ड खाली दिखा. यहां प्रसव कराने आये महिला मरीज वापस लौट गये .वैसे दो दिन में तीन महिलाओं का प्रसव हुआ.
लेकिन, प्रसव के बाद एक बार भी चिकित्सकों ने प्रसूता का हाल नहीं जाना. अलीनगर मुहल्ले की शबाना परवीन को रविवार की दोपहर प्रसव हुआ था. नेतलाल बिगहा की कलावती देवी रविवार की सुबह ही एक बच्चे को जन्म दी. फेसर थाना क्षेत्र के महथा गांव की मालती देवी को सोमवार की दोपहर प्रसव कराया गया. लेकिन, इन तीनों को महिलाओं की किसी भी महिला चिकित्सक ने हालनहीं जाना.
इन महिलाओं ने कहा कि भगवान भरोसे प्रसव हुआ. यहां की व्यवस्था सहनीय नहीं है. सिर्फ एएनएम के भरोसे कैसे होगा इलाज. इधर पता चला है कि डाॅ लालसा सिन्हा के छुट्टी पर जाने के बाद डाॅ मणी कुमारी 24 घंटे सेवा देने के मूड में नहीं है. वैसे इनका कहना है कि सोमवार को उनकी तबीयत अचानक खराब हो गयी.
छुट्टी के लिए अस्पताल प्रबंधन को आवेदन भेजवाया. लेकिन, किसी ने रिसीव तक नहीं किया. मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रही हूं. मुझे यहां तक जानकारी नहीं दी गयी कि ड्यूटी कब और कितनी करनी है. लगातार ड्यूटी करना संभव नहीं है. इस संबंध में
अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ राजकुमार ने बताया कि 18 जून को डाॅ मणी कुमारी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी थी. इसके बाद उन्होंने काम के प्रति जिम्मेवारी नहीं निभायी. बिना सूचना दिये 20 जून को गायब रही.
इस मामले में उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है. बताते चलें कि
सदर अस्पताल में तीन महिला चिकित्सक महिला ओपीडी
के लिए कार्यरत थे. जिनमें एक चिकित्सक डॉ रीना कुमारी का स्थानांतरण हो गया. जबकि, दूसरे चिकित्सक डाॅ लालसा सिन्हा
लंबी छुट्टी पर चली गयी है. इन दोनों को चले जाने के बाद
डाॅ मणी कुमारी एकमात्र महिला चिकित्सक अस्पताल में कार्य
कर रही थी. बात जो हो
अस्पताल में महिला चिकित्सकों की कमी के कारण महिला मरीजों को बगैर इलाज के बैरंग लौटना पड़ रहा है.
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