उनके आदर्श की प्रासंगिकता अब भी बरकरार
दाउदनगर : महात्मा ज्योति बा फुले चेतना परिषद के तत्वावधान में महात्मा ज्योति-बा फुले की जयंती पुराना शहर के मुहल्ला महात्मा फुले नगर (माली टोला), वार्ड नंबर पांच में शिक्षक सत्येंद्र कुमार के आवास पर मनायी गयी, जिसमें कई सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं व आम नागरिकों ने महात्मा फूले की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष व शिक्षक सत्येंद्र कुमार ने कहा कि महात्मा फुले ने सामाजिक जड़ता के अंधेरे के दौर में शूद्रों व स्त्रियों के लिए शिक्षा की रोशनी जलायी थी.
वस्तुतः महात्मा फूले ने केवल शिक्षा की रोशनी ही नहीं बल्कि ‘ सत्य-शोधक समाज ‘ की स्थापना की व सामाजिक जागृति की भी अलख जगायी. वे सचमुच में एक सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे. सेवानिवृत्त शिक्षक कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि महात्मा ज्योति बा फूले को श्रद्धांजलि अर्पित करने का वास्तविक तात्पर्य यही है कि हम ईमानदारी के साथ उनकी शिक्षाओं पर अमल करें. शिक्षक संजय कुमार सिंह ने कहा कि महात्मा ज्योति-बा फूले के आदर्श की प्रसांगिकता आज भी बनी हुई है. बिरजू चौधरी के अलावा मुखदेव भगत ,वृंदाकर भगत ,महेन्द्र राम ,चनार्दन चौधरी आदि थे़
शाम ढलते ही अवैध बालू की ढुलाई हो जाती है तेज
