शर्मनाक. पुलिस-डॉक्टर व पब्लिक के बीच भिड़ंत का मामला
सड़क जाम के मामले में पांच नामजद व 500 अज्ञात बने आरोपित
औरंगाबाद कार्यालय : 22 सितंबर को औरंगाबाद शहर के महाराजगंज रोड में डॉक्टर की पिटाई के बाद सदर अस्पताल में हुई पुलिसिया कार्रवाई का मामला अब भी चर्चा में है़ हर तरफ पुलिस-पब्लिक और डॉक्टर के बीच हुई झड़प की निंदा की जा रही है़
मामले में 40 घंटे बीतने के बाद भी जब किसी तरह का प्राथमिकी दर्ज होने की बात सामने नहीं आयी, तो उम्मीद की जा रही थी अब सब कुछ सामान्य हो जायेगा और संबंधित पक्ष चीजों को मैनेज कर लेंगे.
लेकिन, ऐसा हो नहीं सका. शुक्रवार को हुए बवाल के मामले में नगर थाना में रविवार को चार-चार प्राथमिकियां दर्ज कर ली गयी हैं. एक प्राथमिकी सहायक पुलिस अवर निरीक्षक ज्याउल कमर के बयान पर दर्ज हुई, तो दूसरी प्राथमिकी डाॅ मनीष के बयान पर.
तीसरी प्राथमिकी महिला सिपाही चिंकू कुमारी और चौथी प्राथमिकी डॉ सुजीत मनोहर के बयान पर दर्ज हुई़ प्राथमिकी में चारों ही लोगों ने पूरी तरह सफाई देते हुए एक-दूसरे पर आरोपों की झडी लगा दी़ जिन लोगों ने सडक जाम कर प्रदर्शन किया था, उन लोगों को भी बख्शा नहीं गया है़ पांच युवकों को नामजद व 500 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है़
डॉक्टर का परिचय देने पर भी पुलिस ने पिटाई की : डॉ सुजीत मनोहर
नगर थाना में सदर अस्पताल के डॉक्टर सुजीत मनोहर ने प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें कहा है कि 22 सितंबर को वे पोस्टमार्टम ड्यूटी पर कार्यरत थे़ इमरजेंसी में दारोगा ज्याउल कमर को शराब पीने का आरोप लगाते हुए आम जनता ने उसे लाया़ इसी बीच आम जनता से छुडाने के दौरान पुलिस ने कर्मचारियों पर लाठीचार्ज कर दिया. डॉक्टर का परिचय देने पर भी उन्हें बेरहमी से पीटा गया़
पुलिसकर्मियों ने की थी गला दबा कर हत्या करने की कोशिश : डॉ मनीष
पुलिस पिटाई से जख्मी हुए डॉ मनीष कुमार ने अपनी ओर से दर्ज करायी प्राथमिकी मंें कहा कि वे अस्पताल से घर जा रहे थे़ पीएनबी के पास साइड देने के चक्कर में जमादार ज्याउल कमर, चालक सुशील कुमार व अन्य महिला पुलिसकर्मियों बेरहमी से पिटाई की़ 60 हजार रुपये कीमत का चेन व मोबाइल भी छिन लिया़ इस दौरान पुलिसकर्मियों ने गला दबा कर हत्या करने की कोशिश की़
डॉक्टर ने किया गाली-गलौज : चिंकू कुमारी
नगर थाना में पदस्थापित मेहंदिया थाना के बोद बिगहा निवासी महिला सिपाही चिंकू कुमारी ने डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा कि वह कैश वैन का स्काॅट करते हुए महिला सिपाही पूजा, अंजली, प्रियवंदा, चालक सुशील व पुलिस पदाधिकारी ज्याउल कमर के साथ महाराजगंज रोड मंें जा रही थी़ इसी बीच कार में बैठे डॉक्टर ने साइड नहीं दिया़ जब उनसे इमरजेंसी सायरन बजाने व साइड मांगने की बात कही गयी, तो डॉक्टर मनीष ने जातिसूचक वाक्य का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज किया़
पुलिस सहायता नहीं करती, तो हो जाती हत्या : जियाउल कमर
पुलिस-पब्लिक और डॉक्टर के बीच हुए झड़प में हाइटेक बने जमादार जियाउल कमर ने अपने बयान पर दर्ज प्राथमिकी में डॉक्टर मनीष कुमार, डाॅ सुजीत मनोहर के साथ-साथ निखिल कुमार, रौशन, बबलू व राकेश को नामजद व 500 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया है़ ज्याउल ने कहा कि डॉक्टर ने मोबाइल से फोन कर भीड़ इकट्ठा किया और फिर मेरे साथ मारपीट की़
जब करनी थी कार्रवाई, तो वीडियो बनाने में व्यस्त थे पुलिसवाले !
पंजाब नेशनल बैंक से लेकर सदर अस्पताल तक 22 सितंबर को जो घटना घटी, वह जिले के लिए बेहद ही अफसोसजनक थी़ दोषी कौन है? यह किसी को भी पता नही़ं पुलिस जांच कर रही है. शहर मंे चर्चा है कि पुलिस ने डॉक्टर की पिटाई की, तो धैर्य का परिचय भी दिया़ एक जमादार को अन्य पुलिसकर्मियों के सामने कुछ लोगों की भीड घंटों बंधक बनाये रही.
उस वक्त पुलिस के पदाधिकारी व जवान चाहते, तो उसी वक्त या तो मामला समाप्त हो जाता है या जो अस्पताल में हुआ वो वहीं हो जाता. लेकिन, वहां कुछ पुलिस पदाधिकारी वीडियो बनाने में व्यस्त थे तो कोई फोटो खींचने में लगे हुए थे़
नहीं बख्शे जायेंगे गुनहगार
पुलिस अधीक्षक डाॅ सत्यप्रकाश ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ मंें लेने की इजाजत नहीं है़ 22 सितंबर की जो घटना घटी, वह बेहद अफसोसजनक है़ इस मामले की छानबीन की जा रही है़ जो दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जायेगा़