आरा.
नगर में महाजाम से शनिवार को नगरवासी काफी परेशान रहे. जीरो माइल से धरहरा तक जाम की स्थिति बनी रही. इस कारण लोग इससे कराहते रहे एवं त्राहिमाम करते रहे. स्थिति ऐसी थी कि पुलिस की गाड़ी भी जाम में फंसकर सायरन बजाते रह गयी, पर जाम से निकल नहीं पायी. एक तरफ सरकार व प्रशासन द्वारा जाम से मुक्ति दिलाने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं. इसके तहत पूर्वी गुमटी के पास ओवरब्रिज का निर्माण किया गया है, ताकि जाम की समस्या से मुक्ति मिल सके. इसके बावजूद जाम की समस्या नगरवासियों का पीछा नहीं छोड़ रही है. प्रतिदिन कहीं ना कहीं सड़कों पर जाम की भयंकर स्थिति बन रही है. इससे लोग काफी परेशान हो रहे हैं. वहीं घंटों समय की बर्बादी हो रही है. जाम से नगर सहित जिले की कई सड़कें कराहते रह रही हैं. वाहनों के बोझ उठा नहीं पा रही हैं. इस कारण सड़कें टूट जा रही हैं. वहीं जाम से लोग भी उतना ही परेशान हो रहे हैं. नगरवासियों सहित जिलावासियों के लिए यह नियति बन गयी है, पर कई वर्ष बीत जाने के बाद भी इसका कारगर उपाय नहीं निकाला गया. जबकि सरकार, प्रशासन, मंत्री व विधायकों द्वारा कई बार जाम से निजात दिलाने का आश्वासन दिया गया.जीरो माइल पर रात में भी लग रहा है जामहालात ऐसे हैं कि जीरो माइल पर दिन की कौन कहे रात में भी जाम की स्थिति बने रह रही है. घंटों वाहन जाम में फंसे रह रहे हैं. ट्रकों की लंबी कतार लगी रह रही है. छोटे चार पहिया वाहन एवं मोटरसाइकिल भी जाम से निकल नहीं पा रहे हैं. लोगों को इधर-उधर का रास्ता जाम से मुक्ति के लिए ढूंढना पड़ रहा है एवं उन ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर अपने गंतव्य पर पहुंच पा रहे हैं. लगभग दो घंटे तक लगा रहा जामशिवगंज चौक से लेकर जेल रोड, बड़ी मठिया, करमन टोला, महावीर टोला में लगभग दो घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही. कई लोग जाम में फंस कर काफी परेशान हो रहे थे. एंबुलेंस, रसोई गैस सिलिंडर की गाड़ी सहित स्कूल बस भी फंसे हुए थे. दोपहर बाद 2 बजे से लेकर अपराह्न 4 बजे तक जाम की स्थिति बनी रही. समय की होती है बर्बादी,बिगड़ते हैं कामजाम के कारण एक तरफ लोगों के समय की बर्बादी होती है तो दूसरी तरफ उनके कई काम बिगड़ जाते हैं. जाम को लेकर 5 मिनट में पूरी होनेवाली दूरी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है.पर जाम की स्थिति ऐसी रहती है कि गाड़ियां टस से मस नहीं होती हैं. इसमें कई लोग अपने कई तरह के काम से जानेवाले होते हैं. किसी को कचहरी जाना होता है तो कई कर्मियों व पदाधिकारियों को अपने कार्यालय जाना होता है. वही कई मरीजों को अस्पताल पहुंचने की जल्दी रहती है.कई प्रसूति वाली महिलाओं को भी अस्पताल जाना होता है. पर सड़क जाम इनके काम में बाधक बन कर खड़ा हो जाती है और लोग पश्चाताप करते रह जाते हैं. पतली सड़कों पर अधिक संख्या में वाहनों के चलते होता है जामनगर की सैकड़ों वर्ष पुरानी पतली सड़कें दर्जनों गुना बढ़ गए वाहनों का बोझ नहीं उठा पा रही हैं.वही जिले की कई सड़कें भी इसी स्थिति में है.नगर को छोड़कर पटना, बक्सर,सासाराम,भभुआ,छपरा,जहानाबाद,औरंगाबाद आदि जगहों पर जानेवाली गाड़ियों के लिए बाईपास नहीं होने के कारण जाम की स्थिति में और भी समस्या पैदा करती हैं. बेतरतीब परिचालन से जाम हो रही हैं सड़कें नगर में बाइक चालकों द्वारा बेतरतीब परिचालन से सड़के प्राय जाम हो रही हैं, लेनिंग व्यवस्था का पालन नहीं किया जा रहा है. बाइक चालक कहीं भी बाइक को जाम के बीच में ले जाते हैं. थोड़ा भी इंतजार करने की स्थिति में चालक नहीं होते हैं. सभी को जाने की जल्दी बाजी होती है. इस कारण लेनिंग व्यवस्था का पालन नहीं किया जाता है. इससे सड़के जाम हो जाती हैं. इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती है. ट्रैफिक पुलिस नकारा साबित हो रही है. ट्रैफिक पुलिस की निष्क्रियता के कारण लोगों को बेवजह परेशानी चलानी पड़ती है.
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