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जबतक अपनी सोच विकासात्मक नहीं बनाते, तबतक हम पूर्णरूप आजाद नहीं : डीएम

एसपी बोले, हम अपने कर्तव्यों को ईमानदारी तथा निष्ठा से निर्वहन करें, तभी शहीदों की सच्ची श्रद्धांजलि होगीशहीदों के सम्मान में लसाड़ी गांव में राजकीय समारोह का किया गया आयोजन

अगिआंव.

15 सितंबर,1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी के रूप में शहीद हुए 12 शहीदों की आदमकद प्रतिमा स्थल लसाड़ी गांव में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजकीय समारोह का आयोजन किया गया.

मंच का संचालन बीडीओ मुकेश कुमार तथा अध्यक्षता स्मारक समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद ने की. समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि के रूप में जिला पदाधिकारी तनय सुल्तानिया, पुलिस अधीक्षक मिस्टर राज, संदेश विधानसभा के पूर्व विधायक बिजेंद्र यादव, जिला परिषद के सदस्य फुलवंती देवी, स्मारक समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र जी, पूर्व विधायक प्रभुनाथ राम, पूर्व खाद्य उपभोक्ता अध्यक्ष विद्यानंद विकल, प्रखंड प्रमुख मुकेश यादव, राजद जिला युवा अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार, नारायणपुर मुखिया भूपेंद्र यादव, जदयू प्रखंड अध्यक्ष सह बीस सूत्री अध्यक्ष धमेंद्र यादव, बाबुनंदजी, बीडीओ मुकेश कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर अनिल कुमार, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक राकेश पांडेय, एवं समाजसेवी अमरदीप कुमार आदि ने शहीदों की आदमकद प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उपस्थित अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर सभा की शुरुआत की गयी. सभा को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी तनय सुल्तानिया ने कहा कि जब हम नमन करते हैं अपने शहीदों को, तो जबतक अपनी सोच को अपने गांव ,समाज के प्रति विकासात्मक नहीं बनाते हैं, तबतक हम पूर्णरूप से आजादी नहीं प्राप्त कर सकते हैं. इसके बाद उन्होंने जनप्रतिनिधियों के द्वारा की गयी मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया. वहीं, भोजपुर पुलिस अधीक्षक मिस्टर राज ने कहा कि हमारे वे पूर्वज जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर हमें आजादी दिलाई है. उनकी कुर्बानी की बदौलत ही हमारा देश आज आजाद हैं. हम अपने कर्तव्यों को ईमानदारी तथा निष्ठा से निर्वहन करें. पूर्व विधायक बिजेंद्र यादव ने शहीदों के गांव चासी और ढकनी गांव के शहीद द्वार बनवाने की मांग की. इस अवसर पर मौजूद सैकड़ों आम ग्रामीण जनता उपस्थित थे.बिहार के पाठ्य पुस्तक में जिक्र हो शहीदों के इतिहासउपस्थित शहीद के परिवार से जुड़े लोगों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से कहा कि की शहीदों के बारे में बिहार के पाठ्य पुस्तकों में लिखा जाना चाहिए, ताकि बिहार के बच्चे इनके बारे में जान पाये. आने वाली पीढ़ियों को इन शहीदों के बारे में जानकारी देना बहुत जरूरी है.

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