आरा.
जिला मुख्यालय स्थित एसबी कॉलेज में मंगलवार को स्वामी विवेकानंद सभागार में हिंदी दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के हिंदी विभाग और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दक्षिण बिहार प्रांत की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या प्रो आभा सिंह, स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ चुनन कुमारी और संचालन डॉ राज लक्ष्मी ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया. मौके पर मुख्य वक्ता और मुख्य अतिथि भोजपुर जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो बलिराज ठाकुर और विशिष्ट अतिथि न्यास के संयोजक डॉ संदीप सागर थे. अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या प्रो आभा सिंह ने कहा कि हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की प्रतिनिधि और भारतीय जनमानस की प्रतिध्वनि है. कहा कि हिन्दी ने हमारे व्यक्तित्व को निखारा है और पहचान दी है.कहा कि चरित्र निर्माण में हिंदी साहित्य की भूमिका महत्वपूर्ण है. मुख्य वक्ता प्रो बलिराज ठाकुर ने कहा कि कहा कि हिंदी केवल संवाद का माध्यम नहीं बल्कि आत्मा का संगीत है. हिंदी -प्रेमी मिलकर एक स्वर में संकल्प लें कि हिंदी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बने और उसकी गूंज विश्व में सुनाई पड़े. प्रो.ठाकुर ने कहा कि गांधी ने जब कहा था कि हिन्दी स्वतंत्रता संग्राम की भाषा है. तब उन्होंने केवल एक विचार नहीं रखा बल्कि करोड़ों भारतीयों की आत्मा की आवाज को स्वर दिया. डॉ संदीप सागर ने कहा कि हिंदी नये भारत का परिचय है, जिसकी आत्मा में हिंदी की गूंज है. संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाना केवल भारत के सम्मान का प्रश्न नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए ऐतिहासिक होगा.एनएसएस समन्वयक डॉ साधना ने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा शीघ्र घोषित हो इसके लिए व्यापक संघर्ष की जरूरत है।मौके पर डॉ अरविंद कुमार सिंह, डॉ कौशल्या शर्मा, डॉ सुदीप्ता विश्वास, डॉ अभिनव आनंद, डॉ भावप्रिता, डॉ अनुपमा, डॉ राधिका रमण सिंह, डॉ आदित्य कुमार आनंद, डॉ पूजा, डॉ प्रेमलता, डॉ आशा रानी, डॉ डीपी राय, डॉ श्वेता कुमारी सहित काफी संख्या में शिक्षक,छात्र और कर्मचारी मौजूद थे. धन्यवाद ज्ञापन डॉ पंकज कुमार ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

