आरा.
सही मार्गदर्शन और सुविधाएं मिले तो जिले की खेल प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बन सकती हैं. जिला प्रशासन हर संभव सहायता प्रदान करेगा ताकि खिलाड़ी अपने सपनों को साकार कर सकें. उक्त बातें जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया ने लोगों को संबोधित करते हुए कही. अवसर था वीर कुंवर सिंह मैदान के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में आयोजित बिहार दिवस समारोह का. महोत्सव कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार और जिला प्रशासन भोजपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था. समारोह का उद्घाटन जिलाधिकारी, बिहार विधान परिषद सदस्य राधा चरण साह, जिला परिषद अध्यक्ष, जिला बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष और अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया.छात्र-छात्राओं व स्थानीय कलाकारों ने दी प्रस्तुति : कार्यक्रम के दौरान जिले के 25 से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं और स्थानीय कलाकारों ने बिहार की समृद्ध विरासत और परंपरा से जुड़ी शानदार प्रस्तुतियां दीं,जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा. विभिन्न क्षेत्र के कलाकारों ने अपने क्षेत्र की सराहनीय प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया तथा अपनी परंपरा को जीवंत कर दिया.स्टॉलों का भ्रमण कर किया निरीक्षण : महोत्सव के अवसर पर जिलाधिकारी व अन्य अतिथियों ने स्टॉलों का भ्रमण किया एवं इसका निरीक्षण किया. शिक्षा विभाग के स्टॉल पर स्कूली बच्चों द्वारा तैयार किये गये आर्ट और क्राफ्ट की अनूठी आकृतियां एवं चित्र दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बने. इस अवसर पर जिले के उत्कृष्ट खिलाड़ियों से परिचय सत्र का आयोजन हुआ, जहां जिलाधिकारी ने उनकी हौसला बढ़ाया. वहीं खेलकूद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें बॉक्सिंग, भारोत्तोलन, तीरंदाजी, कबड्डी, खो-खो और वुशु जैसे रोमांचक खेल शामिल थे. जबकि चित्रांकन, पेंटिंग और स्लोगन लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गयी.उड़ती चिरइयां से पूछेली कौशल्या तनिका देखले अईह, कईसन बाड़े बबुआ हमार तनिका देखले अईह : अंगूरी में डसले बिया नगिनिया गे हे ननदो भैया के बोला द, भैया के बोला द ननदो दियरा जला द जैसे पारंपरिक गीतों को गाकर गायकों ने लोगों का मन मोह लिया. सुरीली आवाज और मनमोहक प्रस्तुति ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया लोग लोक कलाकारों के रंग में रंगते चले गये. भक्ति गीत सहित अन्य पारंपरिक गीत से वातावरण गूंज रहा था.
आयोजन के औचित्य पर मुंह चिढ़ा रहे थे खाली स्टॉल : बिहार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का औचित्य लोगों में सम्मान का भाव पैदा करना अपने प्रदेश के प्रति जिज्ञासा एवं विकास के प्रति संभावना का भाव पैदा करना होता है. इसके लिए प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से स्टॉल लगाकर विकास की जानकारी दी जाती है. इतना ही नहीं अन्य कई तरह की समजोपयोगी जानकारियां दी जाती हैं. पर वीर कुंवर सिंह स्टेडियम समारोह स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल को लगाये गये थे, लेकिन इसमें अधिकांश खाली थे ना ही कोई कर्मचारी और ना ही कोई सामान रखा गया था. ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर इन स्टॉलों को लगाकर राशि खर्च करने का क्या मतलब है.विजेताओं को किया गया पुरस्कृत : इस अवसर पर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. विजेताओं को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. संध्या समय दीपोत्सव का आयोजन हुआ, जिसके बाद स्कूली छात्र-छात्राओं और स्थानीय कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये. कार्यक्रम का समापन प्रशस्ति पत्र वितरण के साथ हुआ. इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का कुशल संचालन कंचन कामिनी और धनबाद ज्ञापन जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी ने किया. इस अवसर पर जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी आरा सदर, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी, जिला परियोजना पदाधिकारी, जिला गंगा समिति के पदाधिकारी एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

