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इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं मरीज, पुराने पीएचसी शुरू होने से मिलेगी राहत

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए व सिंटोमेटिक पॉजिटिव रोगियों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के निर्देश पर विगत एक सप्ताह पूर्वही फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में तब्दील कर दिया गया.

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए व सिंटोमेटिक पॉजिटिव रोगियों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के निर्देश पर विगत एक सप्ताह पूर्वही फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर में तब्दील कर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों के द्वारा फारबिसगंज सहित आसपास के लोगों को सामान्य स्वास्थ्य सेवा कैसे मिले इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है. जिससे नित्य-प्रतिदिन सामान्यरोग से परेशान रोगी को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. सामान्य रूप से बीमार पड़ने पर दूर-दराज से लोग जब अनुमंडलीय अस्पताल इलाज के लिए आते हैं. जहां सामान्यलोगों के इलाज के लिए सारी सेवा बंद होने व अस्पताल को डेडिकेटड कोविड केयर सेंटर में तब्दील होने की जानकारी मिलते ही परेशान हो जाते हैं कि इलाज के लिए जाय तो कहां जाय. सबसे अधिक परेशानी गरीब व निर्धन लोगों को हो रही है.

35 किमी की दूरी तय कर इलाज के लिए जाना पड़ता है सदर अस्पताल :

अनुमंडलीय अस्पताल के कोविड केयर सेंटर में तब्दील हो जाने के बाद ना केवल सामने रूप से बीमार लोगों को इलाज कराने के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. बल्कि प्रसव पीड़िता, मारपीट व सड़क सहित अन्य दर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल होने वाले व्यक्तियों व सर्प दंश का शिकार होने वाले लोगों को फारबिसगंज से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए जाना पड़ता है. जो लोगों के लिए काफी परेशानी साबित हो रहा है.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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