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विश्वस्तरीय संतमत सत्संग ज्ञान यज्ञ का समापन

संत की दृष्टि में नर नारी का कोई मोल नहीं

-8-प्रतिनिधि, सिकटी मन की मति मार ले, तब होगा भजन, तन की गति मार ले तब होगा भजन बड़े भाग्य मानुष तन पावा, उक्त बातें पूज्यपाद स्वामी व्यासानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन के क्रम में कहा. डिमिया ग्राम में दो दिवसीय सत्संग में पूज्यपाद स्वामी व्यासानंद जी महाराज व पूज्यपाद स्वामी नारायण दास सहित दर्जनों साधु संत पधारे. सत्संग के दूसरे व अंतिम दिन मानव जीवन की महत्ता पर प्रकाश डाला. उन्होंने प्रवचन के क्रम में कहा मानव तन एक खोल है, चाहे नर हो या नारी मुक्ति प्राप्ति के लिए सत्संग व सत्पुरुष का संग होना आवश्यक है. जीव जीव में कोई फर्क नहीं है चाहे मानव हो या जीव जंतु. संत की दृष्टी में नर नारी का कोई भेद नहीं है. जीवन में तीन पदार्थ दुर्लभ हैं. मनुष्य तन प्राप्ति से सभी कुछ मिल गया पर सद विचार, व सत्कर्म ही हमारे जीवन के मोक्ष का मार्ग है. पूज्यपाद स्वामी व्यासानंद जी महाराज के प्रवचन के बाद आपदा प्रबंधन मंत्री बिहार सरकार विजय कुमार मंडल सत्संग स्थल पर पहुंचे और स्वामी जी को माल्यार्पण कर उनसे आशीर्वाद लिया. इस मौके पर प्रखंड प्रतिनिधि मनोज मंडल, जिला प्रतिनिधि संजीत सिंह, मो शाहजहां, प्रदेश उपाध्यक्ष राजद अभिषेक आनंद, राकेश विश्वास सहित सैकड़ों सत्संग प्रेमी मौजूद थे.

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