पटना: राज्य की सभी 8402 ग्राम पंचायतों के मुखिया को राज्य सरकार स्मार्ट (एंड्रॉयड) फोन और एक-एक सहायक उपलब्ध करायेगी. ये सहायक लैपटॉप से लैस होंगे. वे पंचायती राज विभाग द्वारा जारी किये जानेवाले एक-एक निर्देश से मुखिया तुरंत अवगत करायेंगे. मुखिया को अब सरकारी पत्र पाने के लिए अधिक दिनों तक इंतजार नहीं करना होगा. विभाग द्वारा पंचायतों को स्वीकृत की जानेवाली बीआरजीएफ की राशि, 13वें वित्त आयोग और चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से स्वीकृत की गयी राशि की सूचना आवंटन के दिन ही मिल जायेगी. ग्रामसभा की बैठक की कार्यवाही भी लैपटाप में रेकॉर्ड किया जायेगा.
मुखिया को मिलनेवाले सहायक का नाम एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट होगा. सभी पंचायतों में इनकी नियुक्ति होगी. अनुबंध के आधार पर डीएम के माध्यम से नियुक्त एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट के पास खुद का लैपटाप अनिवार्य होगा. उन्हें मानदेय के रूप में नौ हजार रुपये प्रति माह दिये जायेंगे. सरकार को इसके लिए 90 करोड़ 74 लाख 16 हजार रुपये सालाना खर्च करने होंगे.
पंचायती राज मंत्री डॉ भीम सिंह ने बताया कि पंचायतों के कार्यो में तेजी लाने के लिए एक माह में एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट नियुक्त कर लिये जायेंगे. सभी जिलों में डीएम ने पूर्व से ही कंप्यूटर जानकारों का पैनल तैयार किया है. उसी पैनल से एग्जिक्यूटिव असिस्टेंटों का चयन मेरिट के आधार पर किया जायेगा. शर्त सिर्फ यह रखी गयी है कि उनके पास अपना लैपटॉप और डाटा कार्ड होना आवश्यक है. ऐसे में सरकार को लैपटॉप खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी. एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट का काम विभाग से जारी होनेवाले पत्रों और अधिसूचनाओं की सूचना मुखिया को देना. विभाग की बहुत सारी योजनाएं ऑनलाइन की गयी हैं. इनकी सूचना पंचायतों तक उपलब्ध होगी. इसके अलावा वे पंचायत की सभी योजनाओं की सूचना को रेकॉर्ड कर रखेंगे. संबंधित पंचायतों की सूचनाओं की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध रहेगी. इसका कभी भी उपयोग किया जायेगा. इसके साथ ही विभाग को पंचायतों की मॉनीटरिंग में आसानी होगी. असिस्टेंट के वेतन की राशि विभाग भेजेगा. सभी डीएम को तुरंत नियुक्ति करने का निर्देश दिया गया है.
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि हर मुखिया को आठ हजार रुपये तक स्मार्ट (एंड्रॉयड) फोन खरीदने का भी निर्देश दिया गया है. फोन की खरीदारी स्वयं मुखिया को करनी है. चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की प्रशासनिक मद में उपलब्ध राशि से वे यह मोबाइल खरीदेंगे. मल्टीमीडिया फोन का लाभ तसवीर लेने में उपयोग किया जा सकता है. मोबाइल फोन के रिचार्ज कूपन के मामले में विभाग का मानना है कि कुछ कदम सरकार चले, कुछ कदम जनप्रतिनिधियों को चलना चाहिए.