नयी दिल्ली : एक राष्ट्रीय खेल महासंघ के प्रमुख ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की आम सभा की विशेष बैठक बुलाकर अध्यक्ष एन रामचंद्रन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी लेकिन कुछ अधिकारियों ने दावा किया कि यह मुद्दा अब खत्म हो चुका है.
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा था कि 50 प्रतिशत से अधिक राष्ट्रीय खेल महासंघ और राज्य ओलंपिक इकाइयों ने उनकी अगुआई वाले इस कदम का समर्थन किया है और इसलिए आम सभा की विशेष बैठक जल्द से जल्द बुलाई जाए.
हालांकि पता चला है कि पिछले महीने के अंत में आईओए के कुछ सदस्यों की अनौपचारिक बैठक में पूर्व अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला और पूर्व महासचिव ललित भनोट में उनसे कहा कि वह बत्रा द्वारा शुरु किए गए अभियान से नहीं जुडे.
आईओए के एक अधिकारी ने बताया, यह मुद्दा अब खत्म हो चुका है. आईओए सदस्यों को पिछले महीने अनौपचारिक बैठक में चौटाला और भनोट ने कहा कि वह इस कदम (रामचंद्रन को बाहर करना) का हिस्सा नहीं बने और चीजों को पेचीदा नहीं बनाएं. रामचंद्रन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने के लिए विशेष आम बैठक बुलाने को लेकर कुछ नहीं होने वाला है.
आज भेजे गए ईमेल में बत्रा ने कहा कि भारतीय एथलेटिक्स महासंघ भी रामचंद्रन को बाहर करने की मांग करने वालों में शामिल हो गया है और अब बैठक बुलाई जानी चाहिए क्योंकि आधे से अधिक एनएसएफ और राज्य ओलंपिक इकाइयों ने इस कदम का समर्थन किया है.
इस बीच एएफआई के एक अधिकारी ने कहा कि महासंघ ने रामचंद्रन की कार्यशैली से जुडे मुद्दों के निपटारे के लिए बैठक बुलाने की इच्छा जताई थी, अध्यक्ष को हटाने के लिए नहीं. एएफआई के एक अधिकारी ने कहा, रामचंद्रन की काम करने की शैली से जो मुद्दे उठे हैं हम उस पर चर्चा चाहते थे और इनका हल निकालना चाहते थे. हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग नहीं की. बत्रा ने 36 में से 18 राष्ट्रीय खेल महासंघों और 35 में से 18 राज्य ओलंपिक इकाइयों के समर्थन का दावा किया था.