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वॉशिंगटन सुंदर के नाम के पीछे की कहानी, पिता से क्या है कनेक्शन, जानें पूरा रहस्य

Washington Sundar Name Story: भारतीय ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर के नाम के पीछे छिपी है एक भावनात्मक कहानी. जानिए कैसे उनके पिता ने एक आर्मी अधिकारी के प्रति कृतज्ञता दिखाने के लिए यह नाम रखा.

Washington Sundar Name Story: भारतीय क्रिकेट में कई खिलाड़ियों के नाम उनके खेल से भी ज्यादा चर्चा में रहते हैं. ऐसा ही एक नाम है वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar). बाएं हाथ के इस युवा ऑलराउंडर ने इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज में बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन किया है. लेकिन मैदान के बाहर, उनके नाम के पीछे छिपी एक भावनात्मक कहानी है जो इंसानियत, उपकार और प्रेरणा का प्रतीक है. आइए जानते हैं, आखिर वॉशिंगटन सुंदर नाम की कहानी क्या है.

पिता की अधूरी ख्वाहिश 

वॉशिंगटन सुंदर के पिता एम. सुंदर खुद एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे. तमिलनाडु की स्थानीय सर्किट में उन्होंने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन उन्हें कभी राज्य की मुख्य टीम में जगह नहीं मिली. सीमित संसाधनों और आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को जिंदा रखा. यही लगन उन्होंने अपने बेटे को भी दी.

आर्मी ऑफिसर की उदारता

एम. सुंदर के जीवन में एक मोड़ तब आया जब उनके अभ्यास वाले मैदान पर एक रिटायर्ड सेना अधिकारी पी. डी. वॉशिंगटन उनसे मिले. यह अधिकारी मैदान में बच्चों को खेलते हुए देखा करते थे. उन्होंने एम. सुंदर की प्रतिभा और संघर्ष को पहचाना और उनकी मदद का फैसला किया. उन्होंने सुंदर को क्रिकेट किट दिलाई, स्कूल आने-जाने में मदद की और पढ़ाई का खर्च उठाया. एक गरीब परिवार से आने वाले सुंदर के लिए यह सहायता किसी वरदान से कम नहीं थी.

नाम के पीछे का कारण

1999 में पी. डी. वॉशिंगटन का निधन हो गया. उसी साल एम. सुंदर के घर एक बेटे का जन्म हुआ. शुरू में उन्होंने बेटे का नाम श्रीनिवासन रखा. लेकिन बाद में उन्हें महसूस हुआ कि उनके जीवन में जिस व्यक्ति ने सबसे कठिन समय में उनका साथ दिया, उसका नाम हमेशा जिंदा रहना चाहिए. इसी सोच के साथ उन्होंने अपने बेटे का नाम वॉशिंगटन सुंदर रखा. यह नाम एक श्रद्धांजलि थी इंसानियत और उपकार के उस भाव के लिए जो जीवन से बड़ा है.

नाम जो बना पहचान 

जब वॉशिंगटन सुंदर ने भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया तो कई लोगों को उनका नाम विदेशी या ईसाई लगा. लेकिन इसके पीछे की कहानी जानने के बाद हर कोई भावुक हो गया. यह नाम न सिर्फ क्रिकेट के मैदान में चमक रहा है, बल्कि यह उन मूल्यों का प्रतीक है जो भारतीय संस्कृति में गुरु या सहायक के प्रति आभार को दिखाता हैं.

उपकार की मिसाल

आज वॉशिंगटन सुंदर जब गेंदबाजी करते हैं या शानदार कवर ड्राइव लगाते हैं, तो उनके नाम के पीछे छिपी कहानी उनके हर कदम के साथ चलती है. यह कहानी बताती है कि एक खिलाड़ी की सफलता सिर्फ उसकी मेहनत से नहीं, बल्कि समाज के सहयोग, त्याग और इंसानियत की नींव पर खड़ी होती है. वॉशिंगटन सुंदर का नाम सिर्फ एक खिलाड़ी की पहचान नहीं, बल्कि एक पिता के आभारी दिल की कहानी है जो यह सिखाती है कि जीवन में जिसने आपका साथ दिया, उसे याद रखना ही सबसे बड़ी जीत है.

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Aditya Kumar Varshney
Aditya Kumar Varshney
आदित्य वार्ष्णेय एक खेल पत्रकार हैं. आप अभी प्रभात खबर के साथ बतौर खेल पत्रकार जुड़े हुए हैं. आपने स्टार स्पोर्ट्स और भारत समाचार जैसे संस्थानों के साथ बतौर असिस्टेंट प्रोड्यूसर काम किया है. आपके पास 3 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. आपने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से की है. आप कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ में काम कर चुके हैं. आपकों खेल में क्रिकेट, फुटबॉल,हॉकी,वॉलीबॉल आदि खेलों में रुचि हैं.

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