Rohit Sharma: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट दिग्गज स्टीव वॉ ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को सलाह दी है कि वे क्रिकेट में अपने भविष्य, खासकर नेतृत्व की भूमिका को लेकर आत्ममंथन करें. यह टिप्पणी उन्होंने जून में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली आगामी टेस्ट सीरीज से पहले दी है. वॉ ने इस बात पर जोर दिया कि रोहित इस महीने 38 साल के हो रहे हैं, इसलिए कप्तानी जारी रखने का फैसला उन्हें खुद ही लेना होगा, खासकर हाल के समय में उनके प्रदर्शन को देखते हुए. साथ ही उन्होंने टी20 लीगों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच टेस्ट क्रिकेट को सुरक्षित रखने को लेकर चिंता भी जताई.
भारत जून में इंग्लैंड के साथ श्रृंखला की शुरुआत के साथ 2025-27 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) चक्र की शुरुआत करेगा. वॉ ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘‘यह पूरी तरह से उन्हीं पर निर्भर करता है. वही एकमात्र व्यक्ति हैं जो इस समस्या का समाधान कर सकते हैं. उन्हें खुद से यह सवाल करना होगा कि क्या मैं अब भी भारत की कप्तानी करना चाहता हूं या टीम का हिस्सा बने रहना चाहता हूं? क्या मैं पूरी तरह से समर्पित हूं?” उन्होंने आगे कहा, “उन्हें सोचना चाहिए क्या मैं इसमें पर्याप्त समय और मेहनत लगा रहा हूं? अपने देश के लिए खेलना एक सम्मान और सौभाग्य की बात है. इसमें कोई ढील या ढिलाई नहीं हो सकती.”
रोहित शर्मा की खराब फॉर्म बनी थी समस्या
रोहित 30 अप्रैल को 38 वर्ष के हो जाएंगे. बांग्लादेश, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली तीन टेस्ट श्रृंखला में उनका प्रदर्शन खराब रहा था. उन्होंने खराब फॉर्म का हवाला देते हुए सिडनी टेस्ट से बाहर होने का फैसला किया जिसमें भारत इस साल की शुरुआत में 1-3 से श्रृंखला हार गया था. हालांकि रोहित की अगुवाई में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता, जिसके बाद रोहित शर्मा ने संन्यास की अटकलों को किया खारिज कर दिया था. भारत का इंग्लैंड दौरा आईपीएल 2025 के तुरंत बाद 20 जून से शुरू होगा. बीसीसीआई ने अभी तक अपनी टीम की घोषणा नहीं की है, हालांकि बहुप्रतीक्षित सेंट्रल कांट्रैक्ट जारी होने के बाद इसका ऐलान भी जल्द हो सकता है.
टेस्ट क्रिकेट का भविष्य कैसा होगा?
वॉ ने टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर भी बात की और इसके महत्व को रेखांकित किया, खासकर टी20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के दौर में. उन्होंने कहा, “टेस्ट क्रिकेट पर दबाव है, क्या यह जीवित रहेगा या नहीं, क्योंकि खेल के रूप में इसकी जरूरत है. टी20 क्रिकेट शानदार है, खिलाड़ियों, दर्शकों और प्रायोजकों के लिए बेहतरीन है, लेकिन मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट ही क्रिकेट की असली आत्मा है. खिलाड़ी आज भी टेस्ट खेलना चाहते हैं ताकि वे जान सकें कि वे कितने अच्छे हैं. यह सबसे बड़ी परीक्षा है. यह सुनिश्चित करना कि टेस्ट क्रिकेट जीवित रहे, फले-फूले और स्वस्थ रहे, यह बहुत जरूरी है.”
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