क्रिकेट के भगवान(God of cricket) सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) से यह गुजारिश की है कि वो डीआरएस(DRS) में ‘अंपायर्स कॉल' (Umpires Call) के नियम की समीक्षा करें. आज भारत और आस्ट्रेलिया (Ind vs Aus) के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन ‘अंपायर्स कॉल’ पर सवालिया निशान उठे हैं.
आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए भारत ने आज आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जो बर्न्स और मार्नस लाबुशेन के खिलाफ लेग बिफोर विकेट की अपील की जिसे ग्राउंड अंपायर ने नॉट आउट बताया. उसके बाद जब कप्तान ने रिव्यू लिया तो लगा कि बॉल विकेट को हिट कर सकती थी, लेकिन अंपायर्स कॉल के कारण दोनों बल्लेबाज क्रीज पर बने रहे.
इस फैसले के बाद सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया- खिलाड़ी रिव्यू की डिमांड ही इसलिए करते हैं क्योंकि वे ग्राउंड अंपायर के फैसले से संतुष्ट नहीं होते हैं, लेकिन डीआरएस में ‘अंपायर्स कॉल’ की व्यवस्था होने के कारण रिव्यू लेने का कोई मतलब ही नहीं बनता है, आईसीसी को डीआरएस प्रणाली विशेषकर ‘अंपायर्स कॉल' के नियम की समीक्षा करनी चाहिए.
क्या है ‘अंपायर्स कॉल'
जब गेंदबाज पगबाधा आउट के लिए अपील करे और ग्राउंड अंपायर नॉट आउट करार दे, ऐसे में गेंदबाज के पास रिव्यू का विकल्प होता है. थर्ड अंपायर फैसले की समीक्षा करता है, उस वक्त अगर रिव्यू में यह स्पष्ट हो कि गेंद स्टंप को लग सकती थी, बावजूद इसके थर्ड अंपायर, ग्राउंड अंपायर के फैसले को बदल नहीं सकता है. उसे ‘अंपायर्स कॉल’ यानी ग्राउंड अंपायर के फैसले के साथ ही जाना होगा.
Posted By : Rajneesh Anand