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NDA में 25 नंबर के लिए बल्ला थामा, वीडियो देख खेलना सीखा, छोटे शहर के इस स्टार क्रिकेटर की कहानी है खास

Jitesh Sharma Cricket Story: अमरावती के छोटे शहर से निकले जितेश शर्मा आज भारतीय क्रिकेटर और आईपीएल विजेता हैं, लेकिन अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं. आज भी दोस्तों संग चाय की दुकान पर बैठते हैं, बाइक से उन्हीं गलियों में घूमते हैं. असल में वे NDA परीक्षा के लिए क्रिकेट खेलने लगे थे, पर वही खेल ने आज उन्हें अंतरराष्ट्रीय सितारा बना दिया।

Jitesh Sharma Cricket Story: उनमें छोटे शहर के लड़के की सारी खूबियां हैं. महाराष्ट्र के उनके गृहनगर अमरावती में वे आज भी अपने बचपन के दोस्तों के साथ पुराने चाय की दुकान पर कटिंग चाय पीने जाते हैं. आज भी वह अपनी बाइक पर उन्हीं गलियों में घूमते हैं, जहां वह सिर्फ वे वही हैं, जो पहले थे, न कि भारतीय क्रिकेटर या आईपीएल विजेता खिलाड़ी. वे थोड़ा-सा एंटी-सोशल हैं. सिर्फ उन्हीं लोगों के सामने खुलते हैं, जो उनके करीब हैं. ये उनकी आदत है. छोटे शहर के लड़कों में यही होता है, शाम को 4-5 दोस्तों के साथ बैठते हैं और बस उसी में मजा आता है. यही दोस्तों का ग्रुप था जिसके साथ वह नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की परीक्षा देना चाहते थे. उन्हें पता चला कि महाराष्ट्र सरकार के एक नियम के तहत, अगर आप अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं तो 25 अतिरिक्त अंक मिलते हैं. उन्हीं अंकों के लिए उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया और आज क्रिकेट का बड़ा सितारा है. ये कहानी है जितेश शर्मा की.

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे, इसलिए एनडीए एग्जाम देना था. इसी वजह से क्रिकेट जॉइन किया और इसी का होकर रह गए. जितेश को सेना में शामिल होने का ख्याल इसलिए अच्छा लगता था क्योंकि वहां टीमवर्क होता है. वही सबक वह क्रिकेट में लागू करते हैं. कोई कोच न होने के कारण, उन्होंने गिलक्रिस्ट और गांगुली के वीडियो देखकर क्रिकेट सीखा. 29 साल की उम्र में उन्होंने हांगझो एशियाई खेलों में भारत के लिए डेब्यू किया. कुछ मैच खेलने के बाद वह टीम से बाहर हो गए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. क्योंकि वह किस्मत और सपनों पर भरोसा करते हैं. जितेश ने जबरदस्त अंदाज में वापसी की और RCB की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई. हालांकि रन कम आए, लेकिन निचले क्रम में उनकी 176.35 की स्ट्राइक रेट ने सेलेक्टर्स का ध्यान खींचा. नतीजा अब उन्हें 31 साल की उम्र में एशिया कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम में जगह मिली.

आईपीएल और विराट के साथ तस्वीर 

जितेश छोटे शहर की एक और आदत को साथ लेकर चलते हैं मैनिफेस्ट करना. आईपीएल 2025 की शुरुआत में ही उन्होंने लिखा था कि वह एक फोटो खिंचवाएंगे जिसमें उनके बाएँ विराट कोहली और दाएँ दिनेश कार्तिक होंगे और उनके हाथ में आईपीएल ट्रॉफी होगी. बाद में यह सपना सच हुआ. विराट कोहली भी उनकी इंट्रोवर्ट नेचर से प्रभावित हुए. जितेश ने कहा कि छोटे शहर के संस्कारों की वजह से उन्होंने विराट से दूरी बनाए रखी. हमारे यहां सीनियर को बहुत इज्जत दी जाती है. उनकी पर्सनल स्पेस में घुसना ठीक नहीं होता. मेरे लिए उनसे सिर्फ क्रिकेट की बातें करना ही बड़ी बात थी.”

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जितेश शर्मा, विराट कोहली और आरसीबी टीम के कप्तान रजत पाटीदार. फोटो- सोशल मीडिया.

लेट स्टार्ट पर सूर्या बने प्रेरणा 

जितेश का क्रिकेटिंग आदर्श सूर्यकुमार यादव हैं. भारतीय T20I कप्तान सूर्या उनकी नजर में द्रोणाचार्य हैं.
जितेश ने कहा कि सूर्या भाई 31 साल की उम्र में डेब्यू किए. यह हम जैसे लेट ब्लूमर्स के लिए बड़ी उम्मीद है. आज वह दुनिया के बेस्ट T20 बल्लेबाजों में हैं. वे उनसे सीखने और कॉपी करने की कोशिश करते हैं. आईपीएल फाइनल में काइल जैमीसन पर उन्होंने सूर्या का मशहूर सुपला शॉट खेला और 10 गेंदों में 24 रन बनाए, जो पंजाब किंग्स पर RCB की 6 रन से जीत में निर्णायक साबित हुए.

फिनिशर की भूमिका और ‘चाँद तक’ वाली फिलॉसफी 

जितेश समझते हैं कि फिनिशर की भूमिका आसान नहीं है. उन्होंने कहा, “मेरे रोल के लिए एक परफेक्ट हिंदी लाइन है, ‘चले तो चाँद तक, नहीं तो शाम तक’. फिनिशर के पास ज्यादा बुरे दिन होते हैं बजाय अच्छे दिनों के. लेकिन आपको हमेशा टीम के लिए कोशिश करनी होती है.” वह भावनाओं को ज़्यादा जाहिर करने में यकीन नहीं रखते. जितेश ने कहा, “मैंने अपनी गलतियों से सीखा है कि आपको कभी अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं करना चाहिए. बस अंदर रखना चाहिए.” 

एशिया कप में जितेश से बड़ी उम्मीद

आईपीएल स्टार और टीम इंडिया का हिस्सा बनने के बावजूद, जितेश का दिल आज भी अमरावती में बसता है. वह आज भी वही छोटे शहर का लड़का है, जो ग्लव्स पहनकर विकेटकीपिंग करता है और बल्ले से मैच खत्म करने की कोशिश करता है. जितेश शर्मा ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिताब जीतने वाले सीजन में सिर्फ 261 रन बनाए, लेकिन सेलेक्टर्स की नजर उनके रन पर नहीं, बल्कि 6 और 7 नंबर पर खेलते हुए उनकी 176.35 की स्ट्राइक रेट पर पड़ी. जितेश भारत के लिए 9 टी20 मैच खेल चुके हैं, जिसकी 7 पारियों में उन्होंने 100 रन बनाए हैं. अब एशिया कप में अगर उन्हें टीम इंडिया में जगह मिलती है, तो उनसे सभी को बड़ी उम्मीदें होंगी. 

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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