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IND vs ENG: प्रैक्टिस में बुमराह को नहीं मिलेगी कोई छूट, गौतम गंभीर को मिला सख्त निर्देश

IND vs ENG: टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर को सख्त निर्देश मिला है कि जसप्रीत बुमराह का कार्यभार प्रबंधन करने के लिए उनके अभ्यास में कोई छूट नहीं दी जाए. एनसीए के पूर्व मुख्य फिजियोथेरेपिस्ट आशीष कौशिक का मानना है कि खिलाड़ी जितना अधिक अभ्यास करेगा, वह आगे के मैचों के लिए उतना ही फिट होता जाएगा.

IND vs ENG: पिछले संस्करण में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया नये विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र को शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद अब नये युग की शुरुआत हो रही है. इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल सवालों के घेरे में होंगे. टीम प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती जसप्रीत बुमराह के कार्यभार को प्रबंधित करना है. इंग्लैंड दौरे के लिए टीम की घोषणा के दौरान भारत के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने खुलासा किया कि मेडिकल टीम से मिले फीडबैक के आधार पर 31 वर्षीय बुमराह सभी 5 टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. गंभीर ने इंग्लैंड रवाना होने से पहले मीडिया को यह भी बताया कि बुमराह दौरे पर केवल तीन टेस्ट खेलेंगे. IND vs ENG Bumrah not get any relaxation in practice Gambhir gets strict instructions

कौशिक ने कार्यभार बनाए रखने पर दिया जोर

एनसीए के पूर्व मुख्य फिजियोथेरेपिस्ट आशीष कौशिक ने तेज गेंदबाज के कार्यभार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के बारे में अपने विचार शेयर किए. कौशिक ने कहा, ‘प्रत्येक खिलाड़ी के लिए कार्यभार का अनुपात तीव्र से लेकर दीर्घकालिक होता है. शोध से पता चलता है कि चोटों के जोखिम को कम करने के लिए एक निश्चित मात्रा में कार्यभार बनाए रखना चाहिए और उस कार्यभार से ऊपर या नीचे जाना जोखिम पैदा कर सकता है.’ कौशिक ने स्पोर्ट्सबूम डॉट कॉम से कहा, ‘जितना अधिक आप गेंदबाजी कर सकते हैं, उतना ही कम भी कर सकते हैं. कार्यभार केवल गेंदबाजी के लिए ही नहीं है, बल्कि प्रशिक्षण के लिए भी है. इसे सभी कठिन गतिविधियों से मापा जाना चाहिए. यह उस स्तर से ऊपर या नीचे नहीं होना चाहिए, जहां वे प्रदर्शन कर सकते हैं.’

बार-बार चोटिल होते रहे हैं बुमराह

बुमराह का करियर कई चोटों के कारण बाधित हुआ है, जिसके कारण उन्हें 2022 टी20 विश्व कप, 2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी सहित कई बड़े टूर्नामेंटों से बाहर रहना पड़ा. कौशिक स्वयं 2019 में स्ट्रेस फ्रैक्चर के लिए विशेषज्ञों से परामर्श लेने के लिए उनके साथ इंग्लैंड गए थे. एनसीए के पूर्व मुख्य फिजियोथेरेपिस्ट ने भारतीय टीम प्रबंधन को सभी खिलाड़ियों के कार्यभार का प्रबंधन कैसे करना चाहिए, इस पर अपनी अंतर्दृष्टि और रोडमैप शेयर किया. कौशिक ने कहा, ‘इस टेस्ट सीरीज से पहले, हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि सभी खिलाड़ी सुरक्षित क्षेत्र में रहें, जहां उनका शरीर एक निश्चित स्तर पर काम करने के लिए अभ्यस्त हो और वे मैदान पर जो कुछ भी करते हैं, वह अप्रत्याशित न हो.’

बुमराह को कड़ी ट्रेनिंग की सलाह

उन्होंने तर्क देते हुए कहा, ‘किसी गतिविधि के बाद, यह सुनिश्चित करना होता है कि अगली गतिविधि से पहले शरीर समय पर ठीक हो जाए. उन्हें लंबे समय तक आराम की जरूरत होती है, जहां नींद, पोषण और भावनात्मक रिकवरी जरूरी होती है. इससे खिलाड़ियों को अगले सत्र के लिए ऊर्जावान बनाए रखने में मदद मिलती है.’ कौशिक ने मुख्य कोच गौतम गंभीर और अन्य कोचिंग स्टाफ को सख्त सलाह दी है कि वे खिलाड़ियों के प्रशिक्षण से समझौता न करें. कौशिक ने कहा, ‘गेंदबाज को गेंदबाजी का भार उठाने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत बनाना महत्वपूर्ण है. उन्हें प्रशिक्षण और मजबूती की आवश्यकता होगी, मैदान पर पर्याप्त समय बिताना होगा और कंडीशनिंग कार्यक्रमों के रूप में पर्याप्त दौड़ना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि शरीर दूसरे और तीसरे स्पैल में वापस आ सके और उसी तरीके से प्रदर्शन कर सके.’

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