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बीसीबी ने नहीं दिया पैसा तो खिलाड़ियों ने कर दी मैच फिक्सिंग! बांग्लादेश प्रीमियर लीग में जमकर मचा बवाल

Bangladesh Premier League: बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) में मैच फिक्सिंग का साया मंडराने लगा है. इसके दायरे में दस खिलाड़ी और चार फ्रेंचाइजी आ सकते हैं. आसीसी की एंटी करप्शन यूनिट इस पर नजर रख रही है.

Bangladesh Premier League: बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) में पहले ही कई विवाद सामने आ चुके हैं और अब ताजा मामला मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग से जुड़ा हुआ है. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) की एंटी-करप्शन यूनिट (ACU) ने गुमनाम सूचनाओं और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर आठ मैचों को संदिग्ध करार दिया है. बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार के अनुसार कुछ दस्तावेजों की समीक्षा में पता चला है कि ACU दस खिलाड़ियों और चार फ्रेंचाइजी पर निगरानी रख रही है. इन दस खिलाड़ियों में से छह बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, दो अनकैप्ड बांग्लादेशी खिलाड़ी हैं, जबकि दो विदेशी क्रिकेटर शामिल हैं.

बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) के मौजूदा सीजन में खिलाड़ियों के भुगतान को लेकर मची अफरा-तफरी के साथ-साथ कई मैच संदिग्ध गतिविधियों के कारण जांच के दायरे में आ गए हैं. अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के तहत आने वाली भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) इन मैचों की जांच करेगी. फ्रेंचाइजी टीमों में दुर्बार राजशाही और ढाका कैपिटल्स को सबसे अधिक संदेह के घेरे में रखा गया है, जिनमें प्रत्येक के खिलाफ 12 “इंटीग्रिटी फ्लैग” (संदेह के निशान) दर्ज किए गए हैं। सिलहट स्ट्राइकर्स पर छह और चिटगांव किंग्स पर दो संदेह के निशान लगाए गए हैं.

पहले भी आ चुके हैं स्पॉट फिक्सिंग के मामले

2012 में शुरुआत के बाद से ही बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) अक्सर विवादों में घिरा रहा है, जिसमें स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग के कई मामले सामने आए हैं. 2014 में, बांग्लादेश के पूर्व कप्तान मोहम्मद अशरफुल ने भी स्वीकार किया था कि वह 2013 के BPL में मैच और स्पॉट फिक्सिंग में शामिल थे. इसके बाद, BPL एंटी-करप्शन ट्रिब्यूनल ने उन्हें आठ साल के लिए बैन कर दिया, जिसमें से तीन साल की सजा निलंबित थी.

बीपीएल का यह सीजन कुछ हद तक अव्यवस्थित तरीके से आयोजित किया गया है. 5 अगस्त के बाद बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) में भी नेतृत्व में बदलाव हुआ. हालांकि, नए प्रशासन ने पहले ही गैर-पेशेवर रवैया दिखाकर निराश किया है. बीपीएल में कई टीमों ने अपने खिलाड़ियों को वेतन नहीं दिया है. कुछ ने मीडिया में इस बात को स्वीकार भी किया है और अहंकार भी दिखाया है. इन सबके बीच, कम से कम आठ मैचों में मैदान पर असामान्य व्यवहार के कारण संदेह पैदा हुआ है.

किस तरह के संदिग्ध मामले आए

इस सीजन में असामान्य नो-बॉल के कई मामले सामने आए हैं. कुछ गेंदबाजों ने लगभग एक फीट की दूरी तक गेंद को आगे बढ़ाया और कई बार गेंद पिच से बाहर जा गिरी. खबरों के मुताबिक बीसीबी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई इन मामलों की जांच कर रही है. उन्होंने कम से कम 12 क्रिकेटरों को रेड लिस्ट में डाल दिया है और उनमें से कई से पूछताछ भी की जा चुकी है.

बीसीबी क्या कदम उठा रहा है

द डेली स्टार ने अपनी रिपोर्ट में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के एक सूत्र के हवाले से लिखा, “यह बात [बीसीबी] के सीईओ (निजामुद्दीन चौधरी) और [बीसीबी] के अध्यक्ष (फारूक अहमद) के ध्यान में लाई गई कि जब एसीयू अधिकारी टीम के साथ होते हैं, तो वे कैसे ठीक से काम कर सकते हैं अगर उनके खर्चे उन फ्रेंचाइजी द्वारा कवर किए जाएं. वे निश्चित रूप से पक्षपाती होंगे.”  सूत्र ने आगे कहा “जब मैंने उन्हें इस मामले के बारे में बताया, तो अध्यक्ष और सीईओ ने इस बात से सहमति जताई. लेकिन बाद में कुछ नहीं बदला, मुझे नहीं पता. लेकिन यह निश्चित रूप से एक बेतुका मामला है,” 

इंटेग्रिटी अधिकारियों के फ्रेंचाइज़ी के साथ सीधे जुड़ाव के कारण, एसीयू की गुमनाम टिप्स और मीडिया रिपोर्ट्स पर इस तरह के संवेदनशील मामलों के लिए निर्भरता यह भी संकेत देती है कि बहुत से मुद्दे जानबूझकर दबाए जा सकते हैं. इस बीपीएल में कुछ अन्य संदिग्ध घटनाएँ देखी गई हैं. द डेली स्टार ने कम से कम दो क्रिकेटरों की पहचान की, जो आधिकारिक टीम सूची से बाहर थे – एक राजशाही और एक चिटगांव फ्रेंचाइज़ी से – जो खिलाड़ियों के डगआउट में देखे गए.

बीसीबी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रमुख रयान आजाद ने फेसबुक पोस्ट में इस स्थिति का संकेत दिया. उन्होंने लिखा, “सट्टेबाज़ी का बाज़ार तेज़ी से बढ़ रहा है. खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय करियर खतरे में हैं. उन्हें न तो सम्मान मिल रहा है और न ही पैसा. बोर्ड के साथ-साथ बांग्लादेश की प्रतिष्ठा भी मंगल ग्रह पर पहुँच गई है. तो, पैसा कहाँ गया? अगर आप यह नहीं समझ पा रहे हैं, तो मेरे पास आएँ. मैं आपको क्रिप्टो प्रोसेस करने में मदद करूँगा और दाऊद भाई से मिलकर पैसे को लूटने और देश के प्रेषण को बढ़ाने में मदद करूँगा. लेकिन इसे ज़्यादा मत करो. अरे यार, मैं कहाँ जाऊँ? देश तो ठीक है, लेकिन यह अजीब लोगों से भरा हुआ है.” यह देखना अभी बाकी है कि जांच से सच्चाई सामने आती है या नहीं. अगर कोई घोटाला सामने आता है तो बीपीएल राष्ट्रीय शर्म का कारण बन सकता है.

8 संदिग्ध मैचों की सूची

6 जनवरी: फॉर्च्यून बरिशाल बनाम दुर्दंतो राजशाही

7 जनवरी: रंगपुर राइडर्स बनाम ढाका कैपिटल्स

10 जनवरी: ढाका कैपिटल्स बनाम सिलहट स्ट्राइकर्स

12 जनवरी: दुर्दांतो राजशाही बनाम ढाका कैपिटल्स

13 जनवरी: चटगाँव चैलेंजर्स बनाम सिलहट स्ट्राइकर्स

22 जनवरी: फॉर्च्यून बरिशाल बनाम खुलना टाइगर्स

22 जनवरी: ढाका कैपिटल्स बनाम सिलहट स्ट्राइकर्स

23 जनवरी: दुर्दांतो राजशाही बनाम रंगपुर राइडर्स

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट. करियर की शुरुआत प्रभात खबर के लिए खेल पत्रकारिता से की और एक साल तक कवर किया. इतिहास, राजनीति और विज्ञान में गहरी रुचि ने इंटरनेशनल घटनाक्रम में दिलचस्पी जगाई. अब हर पल बदलते ग्लोबल जियोपोलिटिक्स की खबरों के लिए प्रभात खबर के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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