IND vs SA: टीम इंडिया की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज की टीम का ऐलान होते ही विकेटकीपर स्लॉट को लेकर चर्चा तेज हो गयी है. BCCI ने केएल राहुल, ऋषभ पंत और ध्रुव जुरेल जैसे तीन विकेटकीपरों को एक ही स्क्वाड में जगह दी है. लेकिन इस बीच एक नाम फिर बाहर रह गया है, वह है संजू सैमसन (Sanju Samson). पूर्व कप्तान अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने सैमसन को लगातार नजरअंदाज किये जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि चयनकर्ताओं ने फॉर्मेट्स को मिला कर देखना शुरू कर दिया है और इसका सीधा नुकसान सैमसन को हो रहा है.
तीन विकेटकीपरों की चयन पर हैरानी
भारत शायद ही कभी किसी वनडे सीरीज के लिए तीन विकेटकीपरों को चुने. लेकिन इस बार राहुल, पंत और जुरेल सभी को जगह मिली है. तीनों ही शानदार खिलाड़ी हैं और अपनी-अपनी जगह मजबूत दावेदारी रखते हैं. इसके बावजूद सवाल यह उठता है कि आखिर इस स्लॉट में इतनी भीड़ क्यों लगायी गयी है. सबसे बड़ा आश्चर्य यह कि इतनी जगह होने के बावजूद संजू सैमसन को एक बार फिर टीम में नहीं चुना गया.
पंत की वापसी लेकिन सैमसन नजरअंदाज
पिछले कुछ समय से ऐसा माना जा रहा था कि पंत की अनुपस्थिति में सैमसन वनडे टीम में पहली पसंद होंगे. लेकिन ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए जब टीम चुनी गयी तो ध्रुव जुरेल को मौका मिला. इसके बाद दक्षिण अफ्रीका दौरे में जब शुभमन और अय्यर के चोटिल होने से दो स्थान खाली हुए, तब पंत की एंट्री हुई और जुरेल की जगह भी बरकरार रही. लेकिन सैमसन एक बार फिर बाहर रह गये. इससे चयन नीति को लेकर सवाल और गहरे हो गये हैं.
सैमसन के चयन को लेकर बोले कुंबले
अनिल कुंबले ने जियोस्टार पर बातचीत के दौरान कहा कि सैमसन को टीम में होना चाहिए था. उन्होंने याद दिलाया कि सैमसन ने अपने आखिरी ODI में करीब दो साल पहले शतक लगाया था. कुंबले के मुताबिक जब कोई खिलाड़ी आखिरी मैच में अच्छा प्रदर्शन कर चुका हो, तो उसे लंबे समय तक मौके मिलने चाहिए. लेकिन सैमसन के साथ ऐसा नहीं हो रहा है, जिससे उनकी प्रतिभा सही तरीके से सामने नहीं आ पा रही है.
जुरेल के टेस्ट प्रदर्शन का प्रभाव
कुंबले ने एक बड़ा मुद्दा उठाया कि चयनकर्ता अब टेस्ट और वनडे के प्रदर्शन को एकजुट कर देख रहे हैं. ध्रुव जुरेल को हाल के टेस्ट और इंडिया ए मैचों में शानदार प्रदर्शन का फायदा मिला और वे सीधे ODI टीम में आ गये. यह बात गलत नहीं है, लेकिन कुंबले का कहना है कि इसके कारण सैमसन जैसे अनुभवी सफेद गेंद बल्लेबाज को बाहर रखना उचित नहीं है. वनडे फॉर्मेट में सैमसन की फॉर्म और अनुभव दोनों का महत्व है.
व्हाइट बॉल क्रिकेट में सैमसन आगे
वनडे और टी20 क्रिकेट में सैमसन की बल्लेबाजी शैली काफी भरोसेमंद रही है. खासकर वनडे में वे मध्यक्रम में तेजी से रन बनाने में माहिर हैं. कुंबले का मानना है कि व्हाइट बॉल फॉर्मेट में सैमसन जुरेल से आगे हैं और चयन करते समय इस संतुलन को ध्यान में रखा जाना चाहिए. लेकिन फॉर्मेट्स को मिला देने की वजह से वह बार-बार टीम से बाहर रह जाते हैं. यह स्थिति चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है और भविष्य में इसे सुधारने की जरूरत है.
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