टीम इंडिया के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स (Adrian le Roux) ने हाल ही में ब्रोंको टेस्ट (Bronco Test) के महत्व पर खुलकर बातचीत की. यह टेस्ट हाल ही में टीम में खिलाड़ियों की फिटनेस और एरोबिक क्षमता मापने के लिए पेश किया गया है. रुक्स की यह दूसरी पारी है, जिसमें वह भारतीय टीम के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने ब्रोंको टेस्ट को न केवल एक फिटनेस परीक्षण बल्कि प्रशिक्षण के एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में पेश किया. रुक्स का मानना है कि क्रिकेट में खिलाड़ियों की शारीरिक तैयारी उनके प्रदर्शन और करियर की लंबाई के लिए अहम है. (Bronco test in Indian Team).
ब्रोंको टेस्ट क्या है?
ब्रोंको टेस्ट मूल रूप से रग्बी खिलाड़ियों के लिए डिजाइन किया गया था ताकि उनकी कार्डियोवैस्कुलर और एरोबिक क्षमता को बढ़ाया जा सके. इस टेस्ट में चार मार्कर लगाए जाते हैं- 0 मीटर, 20 मीटर, 40 मीटर और 60 मीटर. खिलाड़ी 0 मीटर से 60 मीटर तक दौड़ते हैं, फिर वापस 0 मीटर लौटते हैं, फिर 40 मीटर और 20 मीटर तक इसी क्रम में दौड़ते हैं. एक सेट में खिलाड़ी कुल 240 मीटर दौड़ते हैं. कुल पांच सेट बिना किसी ब्रेक के पूरा करना होता है, यानी खिलाड़ी को 1,200 मीटर लगातार दौड़ना होता है. बिस्वेडन की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय खिलाड़ियों को इसे 6 मिनट से कम समय में पूरा करना होता है.
एड्रियन ले रॉक्स का दृष्टिकोण
BCCI की वेबसाइट पर साझा वीडियो में रुक्स ने कहा, “ब्रोंको रन कोई नया रन या नया मापदंड नहीं है. यह सालों से अलग-अलग खेलों में इस्तेमाल होता रहा है. हमने इसे टीम के माहौल में शामिल किया है. इसका उपयोग दो तरीकों से किया जा सकता है एक प्रशिक्षण और दूसरा मापन. इससे हमें खिलाड़ियों की एरोबिक फिटनेस का अंदाजा मिलता है और यह भी पता चलता है कि हम सही दिशा में जा रहे हैं या नहीं.”
रुक्स ने यह भी बताया कि यह फील्ड टेस्ट है जिसे किसी भी जगह, किसी भी मैदान पर कराया जा सकता है. इसके चलते खिलाड़ी खुद की फिटनेस का आकलन भी कर सकते हैं.
क्रिकेट में बदलाव और फिटनेस की भूमिका
रुक्स ने कहा कि पिछले दो दशकों में क्रिकेट में खेलने की शैली और मैचों की संख्या में काफी बदलाव आया है. उनका उद्देश्य खिलाड़ियों की कंडीशनिंग पर ध्यान देकर उन्हें लंबी अवधि तक उच्च स्तर पर खेलने में मदद करना है. उन्होंने कहा, “क्रिकेट एक स्किल गेम है और हम इस स्किल को पूरी तरह से सपोर्ट करते हैं. अगर खिलाड़ी शारीरिक रूप से तैयार हैं, तो वे अधिक सीजन खेल सकते हैं. हमारी ट्रेनिंग और फिटनेस प्रोग्राम्स चोट के जोखिम को भी कम करते हैं.”
उन्होंने यह भी बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाना और उनके करियर को लंबा करना है.
नई टीम और एशिया कप की तैयारी
रुक्स ने इंग्लैंड दौरे का अनुभव साझा करते हुए कहा कि नई टीम के खिलाड़ियों की मेहनत और लड़ाई देखने योग्य थी. उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए गर्व की बात थी कि खिलाड़ियों ने पूरी मेहनत दिखाई. मैंने IPL में कई खिलाड़ियों के साथ काम किया है, और कुछ हद तक इस टीम के साथ भी मेरा इतिहास रहा है.”
टीम इंडिया का अगला मैच एशिया कप 2025 में रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ होगा. रुक्स और टीम का लक्ष्य खिलाड़ियों की फिटनेस और स्ट्रेंथ को और बेहतर बनाना है, ताकि वे हर मुकाबले में पूरी क्षमता के साथ प्रदर्शन कर सकें.
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