विशाखापत्तनम: केदार जाधव विशेषज्ञ बल्लेबाज से ऐसे खिलाड़ी बनते जा रहे हैं जिनकी आफ ब्रेक गेंदें टीम के लिए काफी अहम साबित हो रही हैं और इस क्रिकेटर का मानना है कि उनके इस बदलाव की अहम बात ‘चुनौतियों को स्वीकार करने और इनसे निपटने के तरीके को जानने’ की है. जाधव ने चार मैचों में 18 ओवर फेंके और 4.05 की अच्छी इकोनोमी दर से 73 रन देकर छह विकेट अपने नाम किये.
जाधव ने न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले पांचवें और अंतिम वनडे की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘यह सिर्फ जिम्मेदारियां लेने और आपको मिलने वाली चुनौतियों को स्वीकार करना और फिर इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक निपटारा करना है. ” सुरेश रैना की जगह खेल रहे जाधव ने तब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार गेंदबाजी की थी जब महेंद्र सिंह धौनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले एक दिवीसय अंतरराष्ट्रीय में धर्मशाला की तेज पिच पर उन्हें नियमित स्पिन जोड़ी अक्षर पटेल और अमित मिश्रा के पहले गेंद थमाई.
जाधव ने कहा, ‘‘अगर कप्तान आपसे कुछ ओवर गेंदबाजी करने के लिए कह रहा है तो आपको योगदान करने की जरुरत होती है. आपको सिर्फ कामचलाऊ गेंदबाज के तौर पर गेंदबाजी नहीं करनी होती. आपको बल्ले और गेंद से जिम्मेदारी लेने की जरुरत होती है. ”
उन्होंने कहा, ‘‘यह दोनों का मिश्रण है, जिसमें थोड़ा मेरा एक्शन है और तेजी, मैं बल्लेबाजों के अनुसार इन्हें बदलता रहता हूं ताकि बल्लेबाजों के लिए मेरी गेंदों को पढना मुश्किल हो जाये. माही भाई ने मुझे गेंदबाजी के लिए कहा. निश्चित रुप से माही शीर्ष पांच या छह बल्लेबाजों में से कुछ गेंदबाज चाहते हैं ताकि वे कम से कम चार-पांच ओवर गेंदबाजी कर सकें. ”