नयी दिल्ली : राज्य संघों को मोटी रकम आवंटित करने समेत अहम मसलों पर बीसीसीआई द्वारा लोगों को ‘गुमराह’ करने पर कड़ा ऐतराज जताते हुए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा समिति ने आज कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके निर्देशों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया.
समिति की ओर से सचिव गोपाल शंकरनारायण ने बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, सचिव अजय शिर्के, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी को भेजे गए ईमेल में कई बयानों का हवाला दिया गया है जो बीसीसीआई के अहम पदाधिकारियों ने दिये हैं.
ईमेल में कहा गया ,‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ईमेल के निर्देशों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया जैसा कि मीडिया रपटों में कहा गया है कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच मौजूदा श्रृंखला खतरे में है.’ ईमेल में साफ तौर पर कहा गया है कि बैंको को बीसीसीआई के खातों पर रोक लगाने का कोई निर्देश नहीं था.
इसमें कहा गया ,‘‘ उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने बीसीसीआई के बैंक खातों पर रोक नहीं लगाई है और ना ही नियमित प्रशासन संबंधी बैंक परिचालन या भुगतान और क्रिकेट मैचों या टूर्नामेंटों या गतिविधियों के आयोजन पर रोक लगाई है.’ इसमें कहा गया ,‘‘ संबंधित बैंको को भी यह सूचित किया गया है ताकि क्रिकेट और दर्शकों को बीसीसीआई संचालकों की हरकतों का खामियाजा नहीं भुगतना पड़े.’