नयी दिल्ली : न्यूजीलैंड की मेहमान टीम के खिलाफ पहली बार दिन-रात्रि टेस्ट की मेजबानी का फैसला करने वाले बीसीसीआई ने स्वीकार किया है कि बोर्ड दलीप ट्राफी में हालात के परीक्षण के बिना इस योजना पर आगे नहीं बढ सकता. बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने अप्रैल में कहा था कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच सितंबर-अक्तूबर में होने वाली तीन टेस्ट की श्रृंखला के दौरान दिन-रात्रि मैच खेला जाएगा लेकिन अब सभी मैच दिन में होंगे. बीसीसीआई के संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा, ‘बीसीसीआई ने हमेशा से कहा है कि वह दलीप ट्राफी में प्रयोग के बाद दिन-रात्रि टेस्ट का आयोजन करेगा. आप हालात का परीक्षण किए बगैर और खिलाडियों तथा सभी संबंधित हितधारकों की प्रतिक्रिया के बगैर इतने बड़े मैच का आयोजन नहीं कर सकते.’
दलीप ट्राफी का आयोजन गुलाबी गेंद से दूधिया रोशनी में किया जाएगा और उम्मीद है कि इसका आयोजन न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट से पूर्व किया जाएगा और इस प्रथम श्रेणी मैच में अधिकांश शीर्ष खिलाडियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है. न्यूजीलैंड के खिलाफ दिन-रात्रि मैच की संभावना खत्म होने के बाद इस एतिहासिक मैच का आयोजन भारत के व्यस्त घरेलू सत्र के दौरान इंग्लैंड (पांच टेस्ट) या आस्ट्रेलिया (चार टेस्ट) के खिलाफ किया जा सकता है.
भारत को आगामी घरेलू सत्र में 13 टेस्ट खेलने हैं. इंग्लैंड या आस्ट्रेलिया के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट के आयोजन की संभावना पर चौधरी ने कहा, ‘जैसा कि मैंने कहा, दलीप ट्राफी में प्रयोग के बाद हम इस पर फैसला करेंगे. भारत में जो पहले नहीं हुआ उसके आयोजन को लेकर आपको शत प्रतिशत सुनिश्चित होना होगा.’ चौधरी ने कहा कि घरेलू सत्र के दौरान पहली बार टेस्ट की मेजबानी करने वाले छह केंद्रों में शामिल रांची का उनका घरेलू स्टेडियम पूरी तरह तैयार है.
न्यूजीलैंड क्रिकेट के सूत्रों ने कहा कि उनके बोर्ड ने भी दिन-रात्रि टेस्ट को टालने के बीसीसीआई के फैसले का समर्थन किया है जबकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि वे भारत में दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से खेलने में हिचक रहे थे. सूत्र ने कहा, ‘जब पहला दिन-रात्रि टेस्ट खेल गया था तो यह आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के लोगों के लिए बडा मौका था. इसलिए एनजेडसी समझता है कि भारत के लिए यह कितना महत्वपूर्ण है और यह काफी समझदारी भरा है कि मैच के आयोजन से पहले घरेलू क्रिकेट में हालात का परीक्षण किया जाए. सीधे इसका आयोजन आसान नहीं होगा. आपको सुनिश्चित करना होगा कि सभी हितधारक इसे लेकर सहज हों, सबसे महत्वपूर्ण खिलाडी और प्रशंसक.’
सूत्र ने कहा, ‘मैं आपको बता दूं कि इस मुद्दे पर दोनों बोर्डों (एनजेडसी और बीसीसीआई) के बीच कोई कटुता नहीं है. समय आने पर हमें यकीन है कि भारत यादगार मैच का हिस्सा होगा.’