नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल मैचों को सूखा प्रभावित राज्य से बाहर आयोजित करवाने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र एवं मुंबई क्रिकेट संघों की याचिकाओं को आज खारिज कर दिया. प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ शुरुआत में कुछ कड़ी शर्तों के साथ महाराष्ट्र में मैचों के आयोजन को अनुमति देने के लिए तैयार नजर आ रही थी. इन कडी शर्तों में से एक शर्त यह भी थी कि स्टेडियम प्रशासन मैचों के लिए ‘‘पेयजल की एक बूंद” के इस्तेमाल की भी अनुमति नहीं देगा.
पीठ ने अंतत: याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि मैच राज्य से बाहर करवाए जायें. इस पीठ में न्यायमूर्ति आर. भानूमति और न्यायमूर्ति यूयू ललित भी शामिल थे.राज्य क्रिकेट संस्थाओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम और एएम सिंघवी ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक की मांग करते हुए कहा कि वे मुंबई और पुणे के स्टेडियमों में पेयजल का इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि शोधित किए गए गंदे पानी का इस्तेमाल करेंगे.
पीठ ने सुनवाई के दौरान वकीलों से इस दावे पर जवाब मांगा, जिसके अनुसार, आईपीएल मैचों की शाम को मैदानों के रखरखाव के लिए 60 लाख लीटर पानी की जरुरत होगी. ये मैच राज्य में खेले जाने थे.चिदंबरम ने कुछ पत्रों का हवाला दिया और कहा कि स्टेडियमों को छह दिन के लिए 10 हजार लीटर पानी प्रति दिन के हिसाब से चाहिए होगा और पेयजल का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
चिदंबरम ने इस दावे को खारिज कर दिया कि 60 लाख लीटर पानी की जरुरत होगी. उन्होंने कहा कि मैदानों में छिड़काव के लिए ज्यादा से ज्यादा 60 हजार लीटर शोधित जल का इस्तेमाल किया जायेगा और इसे टैंकरों में भरकर लाया जायेगा.दलीलों पर गौर करते हुए पीठ ने पहले कहा, ‘‘हम निकाय संस्थाओं को निर्देश देंगे कि वे इन प्रतिष्ठानों तक पहुंचने वाले पेयजल की आपूर्ति बंद कर दें और पेयजल की एक भी बूंद इस्तेमाल नहीं की जाएगी.
हम एक न्यायिक अधिकारी तैनात करेंगे, जो पुलिस की मदद से यह सुनिश्चित करेगा कि पेयजल का इस्तेमाल नहीं हो रहा.” बाद में अदालत ने इस बात पर गौर करते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि हर तरह के नियमों की जरुरत वाली स्थिति पैदा करने से बेहतर है कि मैचों को बाहर कहीं स्थानांतरित कर दिया जाए.इस याचिका के खारिज होने पर आईपीएल के पांच मैच अब कहीं और होंगे. मुंबई इंडियन्स और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स के ये मैच राज्य के स्टेडियमों में होने थे.
बंबई उच्च न्यायालय ने 13 अप्रैल को आदेश दिए थे कि राज्य में पडे भयंकर सूखे को देखते हुए महाराष्ट्र में 30 अप्रैल के बाद होने वाले सभी आईपीएल मैचों को किसी दूसरे राज्य में आयोजित किया जाए.राज्य के दो क्रिकेट संघ 22 अप्रैल को बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे. वहां उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया कि क्रिकेट पिचों पर पेयजल की जगह शोधित पानी का इस्तेमाल किया जाएगा.
उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, 29 मई को मुंबई में होने वाले फाइनल समेत महाराष्ट्र में होने वाले मैचों को आयोजित नहीं किया जा सकता.बीसीसीआई की ओर से आश्वासन दिए जाने के बावजूद उच्च न्यायालय ने ये निर्देश जारी किए हैं. बीसीसीआई ने कहा था कि मुंबई और पुणे की आईपीएल फ्रेंचाइजी मुख्यमंत्री सूखा राहत कोष में पांच करोड रुपए का योगदान देने के लिए तैयार हो गई हैं.
उच्च न्यायालय का आदेश एक एनजीओ ‘लोकसत्ता मूवमेंट’ द्वारा दायर जनहित याचिका पर आया था. एनजीओ ने राज्य में सूखा पडने के बावजूद मैदान प्रबंधन के लिए 60 लाख लीटर से ज्यादा पानी के कथित इस्तेमाल को चुनौती दी थी और यह मांग की थी कि सभी मैचों को महाराष्ट्र से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाये.
SC dismisses MCA's plea against Bombay HC order on shifting IPL matches out of Maharashtra, no IPL match in the state after May 1
— ANI (@ANI) April 27, 2016