पर्थ : महेंद्र सिंह धौनी ने विवादास्पद निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के उपयोग के संबंध में भारत के उदासीन रवैये को बनाये रखा लेकिन कहा कि वह इससे सहमत हो सकते है कि इस प्रौद्योगिकी का उपयोग नहीं होने से उनकी टीम को नुकसान हो रहा है.
ऑस्ट्रेलिया का स्कोर तब दो विकेट पर 21 रन था जब बरिंदर सरन की गेंद जार्ज बेली की दस्ताने से लगकर धौनी के पास पहुंची थी. स्निकोमीटर दिखा रहा था कि गेंद बेली के दस्ताने से लगकर भारतीय कप्तान के पास पहुंची थी. धोनी ने अपील की लेकिन गेंदबाज पूरी तरह से आश्वस्त नहीं था और अंपायर रिचर्ड केटेलबोरोग ने बल्लेबाज के पक्ष में फैसला सुनाया.
बेली ने शतक जमाया और कप्तान स्टीव स्मिथ के साथ 242 रन जोड़कर अपनी टीम को जीत दिलायी. ऑस्ट्रेलिया के एक पत्रकार ने जब धौनी से पूछा कि क्या 50 . 50 वाले फैसलों को लेकर अंपायर भारत को सजा दे रहे हैं तो धौनी ने कहा, ‘‘मैं आपसे सहमत हो सकता हूं. ”
उन्होंने कहा कि यदि तब तीसरा विकेट निकल गया होता तो मैच की स्थिति बदल सकती थी लेकिन इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि वह चाहते हैं कि अंपायर अधिक से अधिक सही फैसले दें. धौनी ने कहा, ‘‘यह (मैच का परिणाम) बदल सकता था लेकिन इसके साथ ही हम चाहते हैं कि अंपायर अधिक से अधिक से सही फैसले करें.
आपको देखना होगा कि कितने 50-50 फैसले हमारे पक्ष में नहीं गये. हमेशा इस पर गौर किया जाता है लेकिन मैं अब भी डीआरएस को लेकर आश्वस्त नहीं हूं. ” उन्होंने कहा, ‘‘डीआरएस को निर्णय करने वाली प्रणाली होनी चाहिए थी लेकिन इसमें कुछ कमियां हैं और इसको बनाने वाले भी इससे सहमत हैं. और क्रिकेट में प्रत्येक इंच मायने रखता है और केवल इंच ही नहीं यहां तक मिलीमीटर भी मायने रखता है. ”