मुंबई : प्रतिकूल हालात में भी धैर्य नहीं खोने के लिए महेंद्र सिंह धौनी की तारीफ करते हुए भारत के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने आज कहा कि वह अपने पूर्ववर्ती से हमेशा संयम बनाए रखने की कला सीखने के उत्सुक हैं.
कोहली से जब पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने पूछा कि वह धौनी से कौन से गुण लेना पसंद करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक कप्तानी का सवाल है तो उसने मापदंड तय किए हैं. उसने हर संभावित चीज जीती है और उसकी कप्तानी में भारत एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में नंबर एक, टेस्ट में नंबर एक और टी20 में नंबर एक बना है. उसने किसी कप्तान के हासिल करने के लिए कुछ नहीं छोड़ा.”
कोहली ने यह बात पैनल चर्चा के दौरान बोली. पैनल चर्चा में कोहली के टेस्ट टीम के साथी अजिंक्य रहाणे और शिखर धवन के अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन भी मौजूद थे. यह कार्यक्रम भारत में मार्च-अप्रैल 2016 में होने वाली विश्व टी20 चैंपियनशिप के आधिकारिक लांच के बाद हुआ. कोहली ने कहा, ‘‘जैसे कि मैंने पहले भी कहा मैं उसकी कप्तानी से अधिक धैर्य रखना सीखने की कोशिश करुंगा. और मुझे लगता है कि पिछली कुछ श्रृंखला में इसमें सुधार हुआ है. लेकिन दबाव की स्थिति में भी नहीं घबराने की उसकी क्षमता ऐसी है जिसे मैं सीखना चाहूंगा.”
कोहली ने कहा, ‘‘मैं सीख रहा हूं, मैं काफी समय से उप कप्तान हूं और मैं ध्यान दे रहा हूं कि विभिन्न हालात में वह क्या करता है.” कोहली की अगुआई में भारत ने श्रीलंका में पिछले के बाद वापसी करते हुए 22 साल बाद 2-1 से टेस्ट श्रृंखला जीती थी जबकि हाल में उनकी अगुआई में टीम इंडिया ने घरेलू सरजमीं पर दक्षिण अफ्रीका को चार टेस्ट की श्रृंखला में 3-0 से हराया.
भारतीय टेस्ट कप्तान कोहली ने दक्षिण अफ्रीका में 2007 में पहली विश्व टी20 चैम्पियनशिप में धौनी की अगुआई में टीवी पर भारत की खिताबी जीतने देखने को याद किया. कोहली ने कहा, ‘‘मैं और पूरा देश फाइनल (भारत के खिलाफ) देख रहे थे और यह अधिक विशेष था क्योंकि यह आईपीएल से पहले की बात है. किसी को नहीं पता था कि असल में प्रारुप कैसा है और इस प्रतियोगिता को लेकर काफी रोमांचित था.”
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक भारतीय क्रिकेट का सवाल है यह बड़ा मील का पत्थर था. इससे महेंद्र सिंह धौनी के कप्तान बनने की शुरुआत हुई थी. उसने मैदान पर जो रणनीति दिखाई, जिस तरह युवा टीम की उसने विश्व स्तर पर अगुआई की.”
उन्होंने कहा, ‘‘रोहित (शर्मा), एस श्रीसंत जैसे खिलाड़ी टीम में नए थे. उसने जिस तरह विश्व स्तर पर टीम की अगुआई की, उसे विश्वास दिलाया कि यह किया जा सकता है. इसके बाद वह कप्तानी के मामले में दुनिया में बड़ी हस्ती बना. दुनिया भर में उसकी कप्तानी की तारीफ हुई और उसने दुनिया भर में भारतीय क्रिकेट को सम्मान दिलाया.” कोहली तब 19 बरस के थे. भारत ने जोहानिसबर्ग में फाइनल में पाकिस्तान को पांच रन से हराकर पहला आईसीसी विश्व टी20 खिताब जीता था.