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धौनी अपने भविष्य पर फैसला करने का हकदार : विश्वनाथ

बेंगलुरु : दिग्गज बल्लेबाज गुंडप्पा विश्वनाथ का मानना है कि भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी इतनी उपलब्धियां हासिल की हैं कि उसे यह फैसला करने का अधिकार है कि वह कब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना चाहता है. टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से धौनी की फार्म में उतार चढ़ाव […]

बेंगलुरु : दिग्गज बल्लेबाज गुंडप्पा विश्वनाथ का मानना है कि भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी इतनी उपलब्धियां हासिल की हैं कि उसे यह फैसला करने का अधिकार है कि वह कब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना चाहता है.

टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से धौनी की फार्म में उतार चढ़ाव देखने को मिला है जिसके बारे में काफी चर्चा भी हुई है लेकिन विश्वनाथ ने झारखंड के इस विकेटकीपर बल्लेबाज का समर्थन किया. विश्वनाथ ने बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मुझे लगता है कि संन्यास लेना व्यक्तिगत फैसला है जिसे किसी पर थोपा नहीं जा सकता. उसने पर्याप्त उपलब्धियां हासिल की है और वह सबसे बेहतर जानता है कि जाने का सही समय कब है.
साथ ही भारतीय क्रिकेट में समय बदल गया है.” उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि बीसीसीआई और चयनकर्ता खिलाडी को पर्याप्त संकेत देते हैं जिससे कि वह जाने की तैयारी कर सके. पहले ऐसा नहीं होता था. कई बार ऐसा होता था जब खिलाड़ी को बाहर किया जाता है और वह कभी वापसी नहीं कर पाता था.” भारत की ओर से 91 टेस्ट खेलने वाले विश्वनाथ ने टेस्ट कप्तान विराट कोहली के आक्रामक रवैये की सराहना की और मैच किसी भी स्थिति में होने के बावजूद जीत की कोशिश करने में उन्हें कुछ गलत नहीं लगता.
विश्वनाथ ने कहा, ‘‘विराट कोहली के नेतृत्व में अब तक भारतीय टेस्ट टीम के नतीजे अच्छे रहे हैं. यह युवा टीम है. यह अच्छी टीम है विशेषकर जहां तक बल्लेबाजी का सवाल है. मुझे जीत की कोशिश करने का विराट का रवैया पसंद है. आपको हमेशा मौकों का फायदा उठाने की कोशिश करनी चाहिए. बेशक यह काफी अच्छा संकेत है और उसे इसी तरह का रवैया बरकरार रखना चाहिए.”
विश्वनाथ जब खेलते थे जो मैच बचाने की कला को भी टेस्ट मैच जीतने जितना ही महत्वपूर्ण माना जाता था. पिछले साल हुए एडिलेड टेस्ट में कोहली अपना विकेट बचाकर मैच ड्रा करा सकते थे और इस बारे में पूछने पर विश्वनाथ ने कहा कि यह सीखने की प्रक्रिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘वह युवा कप्तान हैं. इसलिए निश्चित तौर पर वह अनुभव के साथ सीखेगा. अगर अब आप टेस्ट मैच बचाने की बात कर रहे हो या सुनील गावस्कर इसके विशेषज्ञ कैसे थे तो आपको समझना होगा कि समय बदल गया है.” विश्वनाथ ने कहा, ‘‘जब सनी (गावस्कर) खेलता था तो रिकार्ड देखिए, एक आदर्श टेस्ट मैच दिन में 65 से 70 ओवर होते थे.
ओवर गति में काफी सुधार हुआ है. एक दिन में जब अधिकतम सिर्फ 70 ओवर फेंके जाते थे और 235 से 240 रन बनते थे जो यह आसान काम था. अब आप 90 ओवर खेल रहे हो, रणनीति पूरी तरह बदल गई है.” मौजूदा भारतीय बल्लेबाजों में मुरली विजय ने अपने प्रदर्शन में जो निरंतरता दिखाई है उससे विश्वनाथ प्रभावित हैं.
विश्वनाथ ने कहा, ‘‘विराट को अलग रख दो तो जिन दो बल्लेबाजों ने काफी प्रभावित किया है उसमें अजिंक्य रहाणे और मुरली विजय शामिल हैं. विशेषकर, मैं विजय कहूंगा जिसने काफी निरंतर प्रदर्शन किया है. उसने इंग्लैंड में जिस तरह की बल्लेबाजी की वह मुझे काफी पसंद आई.”
Prabhat Khabar Digital Desk
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