खेल डेस्क
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो ट्वेंटी 20 मैचों में हार के बाद टीम इंडिया के साथ कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भी आलोचकों के निशाने पर हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अब सीमित ओवरों के प्रारूप में भी धौनी की जगह विराट को कप्तान बना देना चाहिए. गौर करने लायक बात है कि धौनी और टीम की विफलता के पीछे एक बड़ी वजह विराट कोहली का फ्लॉप होना भी है. विराट ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर 9 से 13 दिसंबर तक हुए एडिलेड मुकाबले में पहली बार टेस्ट क्रिकेट में भारत की कमान संभाली. बीच दौरे पर ही धौनी ने से संन्यास ले लिया और विराट टीम इंडिया के नियमित टेस्ट कप्तान बन गये. तब से अब तक विराट धौनी की कप्तानी वाले प्रारूप वनडे और टी 20 में बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए हैं. ऐसा नहीं है कि इस दौरान उनका फॉर्म खराब रहा है. अगर ऐसा होता तो वह टेस्ट में भी नहीं चलते. पिछले 10 महीनों में उन्होंने आठ टेस्ट मैच खेले और पांच शतकों की मदद से 939 रन बना चुके हैं.
मनभेद भले न हो, ‘बतभेद’ तो दिखता है
धौनी और विराट दोनों कई बार कह चुके हैं कि उनके बीच कोई मनभेद या मतभेद नहीं है. हालांकि पिछले कुछ महीनों में दोनों की बातों में अंतर साफ झलका है. आक्रामक क्रिकेट पर दोनों ने बिल्कुल अलग-अलग राय रखी है. वहीं, बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज हारने पर विराट ने खुल कर टीम की रणनीति की आलोचना की थी. उस सीरीज में धौनी ने ही टीम इंडिया की अगुआई की थी.
प्रदर्शन में बड़ा अंतर
टेस्ट कप्तान बनने से पहले विराट ने 161 वनडे में 22 शतक जमाये थे और औसत था 50.66. टेस्ट कप्तान बनने के बाद 15 वनडे में एक शतक और औसत 31.50 का.
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