कोलंबो : श्रीलंका के पूर्व कप्तान मर्वन अटापट्टू ने भारत के खिलाफ हाल में तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में मिली 1-2 के हार के बाद आज राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद से त्यागपत्र दे दिया. अटापट्टू का त्यागपत्र श्रीलंका के पिछले तीन महीने के अंदर पाकिस्तान और भारत के हाथों टेस्ट श्रृंखलाओं में मिली हार के बाद आया है.
यह पता चला है कि श्रीलंका क्रिकेट के अंतरिम अध्यक्ष सिद्वथ वेट्टिमनि ने अटापट्टू का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है. कभी श्रीलंका की बल्लेबाजी के मुख्य आधार रहे अटापट्टू ने सितंबर 2014 में पाल फारब्रेस की जगह मुख्य कोच पद संभाला था. फारब्रेस तब इंग्लैंड के सहायक कोच बन गये थे. वह टीम के साथ 2011 से बल्लेबाजी कोच के रुप में भी काम कर रहे थे. वह कुछ समय तक टीम के अंतरिम मुख्य कोच भी रहे और बाद में उन्हें पूर्ण कार्यभार दिया गया था.
रिपोर्टों के अनुसार एसएलसी श्रीलंका के पूर्व बल्लेबाज चंदिका हथुरुसिंघे को मुख्य कोच पद संभालने के लिये कह सकता है जिन्होंने बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम का कोच रहते हुए शानदार काम किया. हथुरुसिंघे के कोच रहते हुए बांग्लादेश न सिर्फ आईसीसी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा बल्कि उसने लगातार तीन वनडे श्रृंखलाओं में पाकिस्तान, भारत और दक्षिण अफ्रीका को भी हराया. उनके अलावा ग्राहम फोर्ड भी कोच पद की दौड में शामिल है. अटापट्टू अभी 44 साल के हैं. उन्होंने 90 टेस्ट मैच में 5502 रन और 268 वनडे में 8529 रन बनाये.
एसएलसी ने राष्ट्रीय टीम को दी गयी सेवाओं के लिये अटापट्टू का आभार व्यक्त किया. उसने कहा, इस दौरान उन्होंने उसी पेशेवरपन के साथ अपनी सेवाएं दी जैसे कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रुप में दिया करते थे. उनके कोच रहते हुए सबसे बड़ी उपलब्धि इंग्लैंड के खिलाफ उसकी सरजमीं पर मई जून 2014 में श्रृंखला में जीत रही जब श्रीलंका क्रिकेट टीम ने सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन करके सीरीज अपने नाम की थी.
एसएलसी ने कहा, श्रीलंका क्रिकेट श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के मुख्य कोच और बल्लेबाजी कोच के रुप में किये गये प्रयासों के लिये अटापट्टू का आभार व्यक्त करता है और हम उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनाएं देते हैं. रिपोर्टों के अनुसार एसएलसी श्रीलंका के पूर्व बल्लेबाज चंदिका हथुरुसिंघे को मुख्य कोच पद संभालने के लिये कह सकता है जिन्होंने बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम का कोच रहते हुए शानदार काम किया.
हथुरुसिंघे के कोच रहते हुए बांग्लादेश न सिर्फ आईसीसी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा बल्कि उसने लगातार तीन वनडे श्रृंखलाओं में पाकिस्तान, भारत और दक्षिण अफ्रीका को भी हराया. उनके अलावा ग्राहम फोर्ड भी कोच पद की दौड में शामिल है.
अटापट्टू अभी 44 साल के हैं. उन्होंने 90 टेस्ट मैच में 5502 रन और 268 वनडे में 8529 रन बनाये. श्रीलंकाई टीम ने पिछले पांच वर्षों में कई कोच देखे हैं. अटापट्टू से पहले 2010 से 2014 तक छह कोच टीम से जुडे रहे. इनमें ट्रेवर बेलिस, स्टुअर्ट लॉ, रुमेश रत्नायके, ज्योफ मार्श, ग्राहम फोर्ड और फारब्रेस शामिल हैं.