रांची : अनुभवी केदार जाधव की शानदार बल्लेबाजी के बाद शाहबाज नदीम की कमाल की फिरकी गेंदबाजी से इंडिया बी ने सोमवार को यहां देवधर ट्रॉफी के फाइनल में इंडिया सी को 51 रन हराकर खिताब अपने नाम किया.
जाधव की 94 गेंद में 86 रन की पारी के दम पर इंडिया बी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में सात विकेट पर 283 रन बनाने के बाद इंडिया सी को नौ विकेट पर 232 रन पर रोक दिया. अपने घरेलू मैदान पर नदीम ने 10 ओवर में 32 रन देकर चार विकेट चटकाए.
इंडिया सी के लिए तेज गेंदबाज इशान पोरेल ने 10 ओवर में 43 रन देकर पांच विकेट लिये थे, लेकिन उनका यह प्रदर्शन टीम के काम नहीं आ सका। बीसीसीआई ने भी ट्वीट कर इंडिया बी को देवधर ट्राफी का विजेता बनने पर बधाईं दी. टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी इंडिया बी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पोरेल के पहले ओवर में ही सलामी बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ खाता खोले बिना पवेलियन लौट गये.
पोरेल ने इसके बाद पारी के नौवें ओवर में कप्तान पार्थिव पटेल को विकेटकीपर दिनेश कार्तिक (14) के हाथों कैच कराया. टीम के 28 रन पर दो विकेट गिरने के बाद युवा यशस्वी जयसवाल (54) और बाबा अपराजित (13) ने संभल कर बल्लेबाजी की. दोनों की तीसरे विकेट के लिए 45 रन की साझेदारी को जलज सक्सेना (42 रन पर एक विकेट) ने अपराजित को आउट कर तोड़ा.
इसके कुछ समय के बाद अक्षर पटेल (33 रन पर एक विकेट) ने जायसवाल को चलता किया. जयसवाल ने 79 गेंद की पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया. जाधव ने एक छोर संभाले रखा और दूसरी छोर से उन्हें नितीश राणा (20) और विजय शंकर (45) को अच्छा साथ मिला.
शंकर ने 33 गेंद की पारी में चार चौके और दो छक्के लगाये. जाधव ने भी 94 गेंद की पारी में चार चौके और इतने ही छक्के लगाये. कृष्णप्पा गौतम ने आखिरी के ओवरों में ताबड़तोड बल्लेबाजी करते हुए 10 गेंद में तीन छक्कों और तीन चौकों की मदद से नाबाद 35 रन बनाये। लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंडिया सी की टीम भी लगातार अंतराल पर विकेट गंवाते रही.
प्रियम गर्ग ने 77 गेंद में सबसे ज्यादा 74 रन बनाये, लेकिन मयंक अग्रवाल (28) अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे. कप्तान शुभमान गिल (एक), विराट सिंह (छह), सूर्यकांत यादव (तीन) , दिनेश कार्तिक (तीन) भी बल्ले से कुछ कमाल करने में नाकाम रहे.
टीम के आधे खिलाड़ी 77 रन पर पवेलियन लौट गये. गर्ग और पटेल (38) ने इसके बाद सूझबूझ से खेलते हुए पारी को पटरी पर लाने की कोशिश की. दोनों की छठे विकेट के लिए 63 की साझेदारी को तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज (43 रन पर दो विकेट) ने तोड़ा.
टीम इसके बाद बढ़ती जरूरी रनगति के दबाव में आ गयी. सक्सेना (नाबाद 37) और मयंक मार्कंडेय (27) ने आखिरी के ओवरों में संभल कर पूरे 50 ओवर बल्लेबाजी करना बेहतर समझा.