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अगर मौकों का फायदा नहीं उठाता तो काफी कुछ हो सकता था : रोहित शर्मा

रांची : रोहित शर्मा को हमेशा से पता था कि टेस्ट सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी नयी भूमिका में मिले मौकों का उन्हें सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करना होगा और अगर वह ऐसा नहीं करते तो लंबे प्रारुप में उनकी संभावनाओं पर काफी असर पड़ सकता था. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के रूप में […]

रांची : रोहित शर्मा को हमेशा से पता था कि टेस्ट सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी नयी भूमिका में मिले मौकों का उन्हें सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करना होगा और अगर वह ऐसा नहीं करते तो लंबे प्रारुप में उनकी संभावनाओं पर काफी असर पड़ सकता था.

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के रूप में अपने पहले ही टेस्ट में रोहित ने 176 और 127 रन की पारियां खेली और अब तीसरे टेस्ट में दोहरा शतक जड़कर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की बराबरी करते हुए दो प्रारुप में 200 रन बनाने वाले बल्लेबाज बने.

रोहित ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, अगर मैं रन नहीं बनाता तो काफी कुछ होने वाला था और नहीं तो आप मेरे बारे में काफी कुछ लिख देते. उन्होंने कहा, इसलिए यह मुझे मिले मौकों का फायदा उठाने से जुड़ा था. मुझे पता था कि मुझे इसका पूरा फायदा उठाना होगा, अन्यथा मीडिया मेरे खिलाफ लिखता. अब मुझे पता है कि सभी मेरे बारे में अच्छी चीजें लिखेंगे.

रोहित ने चार पारियों में 529 रन बनाए हैं और किसी टेस्ट शृंखला में 500 से अधिक रन बनाने वाले सिर्फ पांचवें भारतीय सलामी बल्लेबाज बने. उन्होंने कहा, पारी का आगाज करना मेरे लिए अच्छा मौका था. जैसा कि मैंने विशाखापत्तनम टेस्ट के दौरान कहा, पारी की शुरुआत करने को लेकर मेरे और टीम प्रबंधन के बीच लंबे समय से संवाद हो रहा था. इसलिए मानसिक रूप से मैं इसके लिए तैयार था.

मुझे पता था कि ऐसा कभी भी हो सकता है. रोहित ने उस समय अजिंक्य रहाणे (115) के साथ चौथे विकेट के लिए 267 रन की रिकार्ड साझेदारी की जब भारत पहले दिन 39 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद संकट में था. मुंबई के इस बल्लेबाज ने कहा, अगर इस पारी की बात करूं तो मैं कहूंगा कि यह सबसे चुनौतीपूर्ण पारी थी. मैं ज्यादा नहीं खेला। मैं सिर्फ 30 टेस्ट खेला हूं. मैंने अब तक जिसका सामना किया है उसे देखते हुए यह संभवत: सबसे चुनौतीपूर्ण था.

पारी का आगाज करने की चुनौती के संदर्भ में रोहित ने कहा, पारी का आगाज करना छठे-सातवें नंबर पर बल्लेबाजी से अलग चुनौती है. यह इस पर निर्भर रकता है कि आपने कैसी तैयारी की है, आप मैदान पर उतरकर क्या करना चाहते हो, क्या हासिल करना चाहते हो.

उन्होंने कहा, मैच की पहली गेंद का सामना करना , 30-40 ओवर के बाद खेलने की तुलना में बिलकुल अलग है. रोहित ने कहा कि वह अगले साल न्यूजीलैंड दौरे के दौरान विदेशों में भी अपनी सफलता को दोहराना चाहते हैं. दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने रहाणे की भी तारीफ की जिन्होंने पहले दिन लंच के बाद आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए भारत के ऊपर से दबाव कम किया.

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