विशाखापत्तनम : सीनियर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने शनिवार को यहां कहा कि भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में अपनी दूसरी पारी की समाप्ति की घोषणा इस तरह से की ताकि पांचवें दिन उन्हें थोड़ी नरम गेंद के साथ शुरुआत नहीं करनी पड़े.
भारत ने दूसरी पारी में 67 ओवर खेले और चार विकेट पर 323 रन बनाकर पारी समाप्त घोषित की. दक्षिण अफ्रीका ने 395 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में एक विकेट पर 11 रन बनाये हैं.
पुजारा से पूछा गया कि क्या पारी समाप्त घोषित करने का समय सही था, उन्होंने कहा, हां ऐसा था. हम बहुत अधिक ओवर नहीं करना चाहते थे, क्योंकि हम चाहते थे कि पांचवें दिन के शुरू में गेंद ठोस बनी रहे. आप गेंद के नरम पड़ जाने के बाद बहुत अधिक ओवर नहीं करना चाहते क्योंकि ऐसे में बल्लेबाजी करना थोड़ा आसान हो जाता है. उन्होंने कहा, हमने आज (डीन एल्गर का) महत्वपूर्ण विकेट हासिल किया. इसलिए टीम के तौर पर आज के खेल से हम खुश हैं.
पुजारा ने 81 रन बनाये और दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले रोहित शर्मा के साथ 169 रन की साझेदारी की. उन्हें लगता है कि पांचवें दिन इस पिच पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं होगा. उन्होंने कहा, उम्मीद है कि पांचवें दिन यह पिच बल्लेबाजी के लिये आसान नहीं होगी और इससे स्पिनरों को थोड़ा मदद मिलेगी. हम देख चुके हैं कि पिच से असमान उछाल मिल रही है और इसलिए तेज गेंदबाजों की भूमिका भी अहम होगी. अभी स्पिनरों के लिहाज में पिच में काफी खुरदुरापन है और पांचवें दिन दरारें कुछ और बढ़ जाएंगी.
पुजारा को लगता है कि रविंद्र जडेजा खुरदुरे स्थलों का अच्छा उपयोग कर सकता है क्योंकि कुछ गेंदे या तो तेजी से उठ रही है या नीची रह रही हैं. उन्होंने कहा, इस तरह के स्थानों से स्पिनरों को अधिक उछाल मिलेगी.अगर हम एल्गर के लिये की गयी जड्डू (जडेजा) की गेंद की असमान उछाल को देखें तो मुझे लगता है कि गेंद दरार पर पड़ने के बाद थोड़ा नीचे रह गयी थी. इसलिए अगर असमान उछाल हो तो मुझे लगता है कि स्पिनर दरारों पर गेंद टप्पा करवाना पसंद करेंगे, लेकिन इस तरह की पिचों पर तेज गेंदबाजों को खेलना भी मुश्किल होगा.
पुजारा ने दोपहर के सत्र में ड्रिंक्स ब्रेक के बाद तेजी से रन बनाये. इससे पहले उनके लिये रन बनाना आसान नहीं था. उन्होंने कहा, यह बल्लेबाजी के लिये मुश्किल पिच थी. इस पर स्ट्राइक रोटेट करना आसान नहीं था. इस पर सही टाइमिंग से शाट मारना आसान नहीं था फिर जिस तरह से मैं खेलता हूं तो शुरू में मुझे थोड़ी मुश्किल लग रही थी. मैं जानता था कि एक बार पांव जमाने के बाद मैं पिच की गति को समझ लूंगा. इसे समझने के बाद मैंने अपने शाट खेले.