7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जर्मनी में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी की नजरें प्रवासियों पर

नयी दिल्ली : क्रिकेट को वैश्विक खेल नहीं बना पाने के कारण कई बार आलोचना का सामना करने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को यूरोप और अमेरिका महाद्वीप में खेल की पकड़ मजबूत करने के लिए जर्मनी और अमेरिका में दक्षिण एशियाई प्रवासियों से काफी उम्मीद है. आईसीसी के व्यावसायिक महाप्रबंधक कैंपबेल जेमीसन ने कहा कि […]

नयी दिल्ली : क्रिकेट को वैश्विक खेल नहीं बना पाने के कारण कई बार आलोचना का सामना करने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को यूरोप और अमेरिका महाद्वीप में खेल की पकड़ मजबूत करने के लिए जर्मनी और अमेरिका में दक्षिण एशियाई प्रवासियों से काफी उम्मीद है.

आईसीसी के व्यावसायिक महाप्रबंधक कैंपबेल जेमीसन ने कहा कि खेल जर्मनी में तेजी से प्रगति कर रहा है, जहां दक्षिण एशियाई लोगों की संख्या अधिक है. आईसीसी के 104 सदस्य हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 12 टेस्ट क्रिकेट खेलते हैं. जेमीसन ने बुधवार को कहा, क्रिकेट का विस्तार हो रहा है. इसका अच्छा उदारहण जर्मनी है जहां पिछले पांच साल में क्रिकेट टीमों की संख्या 50 से बढ़कर 500 हो गई है और हमें देश में बुनियादी ढांचा तैयार रखने और खेल के संचालन को लेकर जूझना पड़ रहा है.

हमें सुनिश्चित करना होगा कि उस देश में क्रिकेटरों को हमेशा वह खेल खेलने को मिले जिसे वह पसंद करते हैं. शुरू में भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका से हुए आर्थिक प्रवास ने जर्मनी में खेल की प्रगति में मदद की, लेकिन कुछ समय में अफगानिस्तान के शरणार्थियों की बढ़ती संख्या के कारण खेल बड़े शहरों के बाहर भी प्रगति कर रहा है.

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के 2016 तक के आंकड़ों के अनुसार जर्मनी में कम से कम 46292 पंजीकृत अफगानी शरणार्थी हैं. जेमीसन ने कहा, क्रिकेट खेलने वाले देशों से आये लोगों ने जर्मनी में खेल की प्रगति में योगदान दिया और अगर आप इसे स्थानीय खिलाड़ियों के साथ मिश्रित कर पाओ तो आपको विस्तृत प्रगति मिलती है.

दक्षिण एशिया से लोगों के प्रवास ने इस प्रगति में मदद की और इस मामले में हम भाग्यशाली रहे. अमेरिका में भी खेल तेजी से प्रगति कर रहा है जिसे हाल में वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज रिकार्डो पावेल ने भी स्वीकार किया जो अब अमेरिकी राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ता हैं.

पावेल ने कहा, अगर आप मौजूदा राष्ट्रीय टीम को देखो तो टीम के 70 प्रतिशत सदस्य भारतीय मूल के हैं. अमेरिका में भारतीय जनसंख्या काफी अधिक है और 250 क्लब इस खेल को खेल रहे हैं. यह अमेरिका में क्रिकेट के बारे में काफी कुछ बयां करता है. जेमीसन ने कहा कि अभी अमेरिका में आईसीसी से मान्यता प्राप्त कोई भी संघ नहीं है, लेकिन देश दोबारा सदस्यता हासिल करने की दिशा में चल रहा है.

उन्होंने कहा, कैरेबियाई और बेशक भारत से लोगों के प्रवास के कारण उत्तर अमेरिका में भी काफी विस्तार हुआ है. हमें इस मौके का फायदा उठाने की जरूरत है जिससे कि लोग अपने पसंदीदा खेल को खेल सकें. बर्मिंघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में महिला टी20 क्रिकेट को शामिल करने की आईसीसी की दावेदारी को लेकर जेमीसन उत्सुक हैं.

उन्होंने कहा, उम्मीद करते हैं कि यह बोली सफल रहेगी और यह महिला क्रिकेट को और आगे ले जाएगा. क्रिकेट और राष्ट्रमंडल खेलों के नजरिये से दोनों एक दूसरे का काफी अच्छी तरह साथ देते हैं. राष्ट्रमंडल दुनिया भर में क्रिकेट की ताकत, मजबूत और समर्थन का इस्तेमाल कर सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें