नयी दिल्ली : पूरी संभावना है कि प्रशासकों की समिति (सीओए) इंग्लैंड में भारतीय टीम के उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने पर मुख्य कोच रवि शास्त्री के साथ चर्चा करेगी. भारत को एकदिवसीय शृंखला के अलावा टेस्ट शृंखला में भी हार का सामना करना पड़ा और उम्मीद है कि सीओए पांचवें टेस्ट के बाद टीम के प्रदर्शन का आकलन करेंगे.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, सीओए की 11 सितंबर को मुंबई में बैठक है. मुख्य चर्चा नया संविधान को लागू करने पर होगी लेकिन निश्चित तौर पर इंग्लैंड शृंखला में प्रदर्शन पर भी चर्चा होगी. उन्होंने कहा, यह फैसला सीओए को करना है कि वे रवि शास्त्री से निजी तौर पर मिलना चाहते हैं या उनकी प्रतिक्रिया लिखित रिपोर्ट में चाहते हैं.
फिलहाल क्रिकेट सलाहकार समिति काम नहीं कर रही. चुनाव होने तक प्रभार सीओए के पास है. वह प्रदर्शन का आकलन करेंगे. अगर बैठक होती है तो चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद का नजरिया भी जाना जाएगा. तीन दशक से भी अधिक समय से इस तरह की परंपरा है कि प्रत्येक शृंखला (घरेलू और विदेशी) के बाद मैनेजर की रिपोर्ट मांगी जाती है लेकिन आम तौर पर कोच कोई रिपोर्ट नहीं देता.
हालांकि मैनेजर के बाद टीम प्रदर्शन की समीक्षा करने का अधिकार नहीं है. अधिकारी ने स्पष्ट किया, मैनेजर की रिपोर्ट पूरी तरह से औपचारिकता होती है. सुनील सुब्रमण्यम की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासनिक है और इसका क्रिकेट प्रदर्शन से कोई लेना देना नहीं है. यह पूरी तरह से रहना, खाने की पसंद, यात्रा सुविधाएं, अभ्यास हालात आदि से जुड़ी है.
सुनील के पास किसी अन्य चीज के बारे में लिखने का अधिकार नहीं है. क्रिकेट से जुड़ा जवाब शास्त्री, कोहली या एमएसके से मांग जाएगा. ग्रेग चैपल के जाने के बाद किसी भी भारतीय कोच ने विदेशी शृंखला के बाद बीसीसीआई के प्रदर्शन की समीक्षा रिपोर्ट नहीं दी है.
परंपरा है कि सचिव या अध्यक्ष कोच या कप्तान के मुलाकात करके शृंखला पर बात करता है. कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना को इस तरह की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई हैं जबकि कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी के अधिकारों में सीओए ने कटौती की है.
यह देखना रोचक होगा कि सीओए अगले कुछ दिनों में समाप्त होने वाले दौरे पर फिजियो पैट्रिक फरहार्ट से रिपोर्ट मांगता है या नहीं. बीसीसीआई के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, क्या भुवनेश्वर को पीठ में चोट के बावजूद तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में खेलने के लिए बाध्य किया गया.
क्या साउथम्पटन टेस्ट के दौरान रविचंद्रन अश्विन पूरी तरह फिट था. दोनों की मामलों में आधिकारिक शब्द थे कि चोट बढ़ गई जिससे साबित होता है कि चोट थी. उम्मीद करते हैं कि सीओए यह रिपोर्ट मांगेंगे.