नयी दिल्ली : केंद्रीय सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने भारत और पाकिस्तान मैच को फिक्स बताकर विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी मुकाबले में बडा़ सवाल उठाते हुए कहा है कि कप्तान विराट कोहली और युवराज सिंह जैसे खिलाडियों के रहते भारत, पाकिस्तान से कैसे मैच हार सकता है.
इसमें जरूर फिक्सिंग हो सकता है. उन्होंने कहा कि वो फाइनल मुकाबले की जांच के खेल मंत्री से बात करेंगे.बहरहाल अठावले ने इस तरह का बयान पहली बार नहीं दिया है. इससे पहले भी उन्होंने कई बार इसप्रकार का बयान दिया है.
1. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया अठावले के प्रमुख और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रामदास अठावले ने गौरक्षा पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि गौरक्षक कानून से ऊपर नहीं हैं और यदि वे कोई अवैध गतिविधि देखते हैं तो उन्हें इसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए.
अठावले ने कहा, ‘गौरक्षक सहित कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. लिहाजा, यदि किसी को लगता है कि कोई अवैध काम हो रहा है तो उसे कानून अपने हाथों में लेने की बजाय मामले की जानकारी पुलिस को देनी चाहिए."
2. शपथ ग्रहण के दौरान नाम लेना भूल गये थे अठावले
रामदास अठावले को जब नरेंद्र मोदी अपनी मंत्रीमंडल में शामिल कर रहे थे, उस समय वो शपथ ग्रहण के दौरान अपना नाम ही भूल गये. बाद में उन्होंने माहौल को संभाला और फिर से शपथ ग्रहण लिया था. उस दौरान भी वो काफी हंसी के पात्र बने थे.
3. अंतरजातीय विवाह को लेकर केंद्रीय सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने एक बार विवादास्पद बयान दिया था. अठावले ने कहा था कि जातिगत व्यवस्था को खत्म करने के लिए इंटरकास्ट मैरिज को बढ़ावा दिया गया था, लेकिन इंटरकास्ट मैरिज से तलाक और मर्डर जैसे अपराध बढ़ हैं. वहीं अठावले ने गुजरात के पटेल, राजस्थान के गुर्जर और हरियाणा के जाट समुदाय को आरक्षण देने की वकालात भी की.
4. गौमांस पर दिया था विवादित बयान
केंद्रीय मंत्री ने गौमांस को लेकर भी विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि गौमांस पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होना चाहिए. क्योंकि ऐसा किया गया तो किसानों को भारी परेशानी हो सकती है. गौमांस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा तो किसानों को अनुपयोगी गायों और बैलों को रखना आर्थिक रूप से मुश्किल हो जाएगा. इस बयान के बाद काफी हंगामा हुआ था.
5. अठावले ने नक्सलियों को बताया था मित्र
अठावले ने नक्सलियों को लेकर भी विवादित बयान दिया था. केंद्रीय मंत्री ने नक्सलियों को मित्र कहा था. आठवले ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि नक्सली मित्र जैसे हैं. वे दलितों के हक के लिए लड़ते हैं. लेकिन हिंसा का रास्ता गलत है. अगर वे हिंसा का रास्ता छोड़कर चुनाव लड़कर सत्ता में आना चाहे तो उनका स्वागत है. आठवले ने नक्सलियों को अपनी पार्टी आरपीआई में शामिल होने का निमंत्रण भी दे दिया था.