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Vat Savitri Vrat Puja 2021: कब है वट सावित्री व्रत पूजा, जानें इस दिन महिलाओं को क्यों करनी चाहिए 16 श्रृंगार और इसका धार्मिक महत्व…

Vat Savitri Vrat Puja 2021: अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री पूजा का व्रत रखा जाता है. इस साल यह तिथि 10 जून दिन गुरुवार को पड़ रही है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है.

Vat Savitri Vrat Puja 2021: अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री पूजा का व्रत रखा जाता है. इस साल यह तिथि 10 जून दिन गुरुवार को पड़ रही है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है. इस बार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 09 जून 2021 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगी. वहीं, 10 जून 2021 की शाम 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. इसलिए 10 जून को व्रत रखा जाएगा.

वट सावित्री व्रत का पारण 11 जून 2021, दिन शुक्रवार को किया जाएगा. मान्यता है कि वट सावित्री पूजा पर महिलाओं को 16 श्रृंगार करना चाहिए. इससे घर में सुख और समृद्ध‍ि आ‍ती है. वहीं, इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि भारतीय संस्कृति में सोलह श्रृंगार को जीवन का अहम और अभिन्न अंग माना गया है. वट सावित्री व्रत्र के दौरान आप ये सोलह श्रृंगार जरूर करें. आइए जानते है 16 श्रृंगार में कौन-कौन से श्रृंगार आते हैं और इसका महत्व क्या है…

1 मांग टीका- सिंदूर के साथ पहना जाने वाला मांग टीका जहां एक ओर सुंदरता बढ़ाता है, वहीं वह सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि नववधू को मांग टीका सिर के ठीक बीचों-बीच इसलिए पहनाया जाता है कि वह शादी के बाद हमेशा अपने जीवन में सही और सीधे रास्ते पर चले और वह बिना किसी पक्षपात के सही निर्णय ले सके.

2 बिंदी – बिंदी के बिना सुहागन का श्रृंगार अधूरा-सा लगता है. आप कितनी भी आधुनिक हों, लेकिन वट सावित्री पूजा के दिन पिया के नाम की बिंदी जरूर लगाइए. यकीन मानिए माथे पर चांद सी दमकती बिंदिया आपकी आभा का निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. और यह आपके पिया को करीब होने का एहसास दिलाएगी.

3 सिंदूर – मांग में सिंदूर के बिना सुहागन के सारे श्रृंगार व्यर्थ हैं. आप उनकी सुहागन हैं, इस बात का प्रतीक है आपकी मांग का सिंदूर. रोजाना भले ही आप नियम से अपनी मांग में सिंदूर भरती हैं, लेकिन वट सावित्री पूजा का सिंदूर बेहद खास होगा.

4 काजल – आंखों से ही आपके मन के भावों की अभिव्यक्ति होती है, और जब बात हो जीवनसाथी की, तो भावों की अभिव्यक्ति जितने सुंदर तरीके से दी जाए उतना ही प्रेम बढ़ता है.

5 नथनी – नथनी, जिसे नथ भी कहा जाता है, आपके चेहरे की रौनक को बढ़ाने में बेहद खास भूमिका अदा करती है. ऐसी मान्यता है कि सुहागिन स्त्री के नथनी पहनने से पति के स्वास्थ्य और धन-धान्य में वृद्धि होती है.

6 कर्णफूल – कर्णफूल कान में पहना जाता है. यह आपकी खूबसूरती को चार चांद लगाने का काम करती है.

7 हार – गले के श्रृंगार के लिए आप अपना पारंपरिक हार पहन सकती हैं. इसके अलावा रानी हार, मोती और कुंदन जड़ित हार के सेट भी बाजार में उपलब्ध है, जो आपके परिधान के अनुसार सौंदर्य को बढ़ा सकते हैं.

8 गजरा – काले, घने और लंबे बाल नारी की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देते हैं. हर किसी का दिल जीतने के लिए काले बालों पर यह सफेद गजरा काफी है. आप चाहें तो जूड़ा बनाएं, चोटी बनाएं या फिर बालों को खुला रखें. इस दिन गजरे से शोभा बढ़ाना न भूलें.

9 मंगलसूत्र – पिया के नाम का मंगलसूत्र सोलह श्रृंगार का सबसे अहम हिस्सा है. यह मंगलसूत्र है तो नारी के लिए सारे साज-श्रृंगार हैं, अगर नहीं है तो सब सूना है. एक मंगलसूत्र अकेला ही जीवन के संपूर्ण श्रृंगार का बखान करता है.

10 मेंहदी – जब तक हथेली पर पिया के नाम की मेंहदी न लगे, तब तक दुल्हन का रंग फीका ही रहता है. मेंहदी का रंग जितना गहरा हो, उतना ही प्रेम को दर्शाता है.

11 चूड़ि‍यां – हाथों में चूड़ियों की खनक, न केवल पति-पत्नी के प्रेम की ओर संकेत करती हैं, बल्कि मन को प्रफुल्ल‍ित भी रखती हैं. इस दिन खूबसूरत, खनकती चूड़ियां जरूर पहनें.

12 अंगूठी – कलाइयों की सुंदरता जिस तरह से चूड़ी और कंगन से पूरी होता है, वैसे ही अंगुलियों का श्रृंगार अंगूठियों से ही पूरा होता है. आप चाहें तो दुल्हन बन हाथफूल भी पहन सकती हैं. सोना, चांदी, हीरा, मोती व कुंदन की अंगूठियां भी हाथों के सौंदर्य को खूब बढ़ाएंगी.

13 कमरबंद – कमर की खूबसूरती बढ़ाने और आपको खूबसूरत दिखाने में कमरबंद आपकी बहुत मदद करेगा. कमरबंद इस बात का प्रतीक है कि सुहागन अब अपने घर की स्वामिनी है.

14 पायल – पतली पायल हो या मोटी पायजेब, आपके पैरों की खूबसूरती को ही नहीं बढ़ाती, बल्कि इनके घुंघरुओं की मीठी सी छनक, आपके पतिदेव का दिल भी धड़काती हैं.

15 बिछिया – बिछिया भी सुहागन स्त्री का प्रतीक है. कुछ भी कहो, इसके बिना सुहागन के पैरों की रौनक ही गायब होती है. इस दिन सादगी भरी बिछिया पहनने के बजाए, घुंघरु व चेन वाले सुंदर बिछिया से पैरों को सजाएं. कुंदन, हीरा व मोती वाली बिछिया भी आप पहन सकती हैं.

16 परिधान – खास तौर से साड़ी, लहंगा या कोई पारंपरिक परिधान आपके करवाचौथ को खास बनाने का काम करेगा. आप अगर चाहें तो अपनी शादी का जोड़ा पहनकर, सुहानी यादों को ताजा कर सकती हैं.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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