Planet Parade after Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ (Mahakumbh 2025) मेला चल रहा है. माघ पूर्णिमा के अवसर पर कल्पवास समाप्त हो चुका है और अब महाकुंभ का समापन निकट है. महाकुंभ के अंतिम दिन महास्नान का आयोजन होगा. इस समय सौरमंडल के सभी सात ग्रह भारत के रात्रि आकाश में दृष्टिगोचर होंगे, जो एक अद्वितीय और दुर्लभ खगोलीय घटना के रूप में सामने आएगा. सौरमंडल के ये सभी ग्रह – बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून – रात के समय देखे जा सकेंगे, जो इस विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन को विशेष महत्व प्रदान करते हैं.
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28 फरवरी को सभी ग्रह एक साथ दिखाई देंगे
यह अद्भुत दृश्य 28 फरवरी को अपने चरम पर होगा, जब सभी सात ग्रह सूर्य के एक ही दिशा में एक सीध में होंगे, जिससे एक आकर्षक ग्रह परेड का निर्माण होगा. इस ग्रह परेड के दौरान, पांच ग्रह – बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि – नग्न आंखों से देखे जा सकेंगे. हालांकि, यूरेनस और नेपच्यून की धुंधलापन के कारण इन्हें दूरबीन या टेलीस्कोप के माध्यम से देखा जा सकेगा. सबसे उत्तम दृश्य गोधूलि के समय प्राप्त होगा, चाहे वह सूर्यास्त के बाद हो या सूर्योदय से पहले, जब ग्रह आकाश में ऊंचाई पर होंगे और स्पष्ट रूप से दिखाई देंगे.
क्या यह दृश्य फिर से देखने को मिलेगा?
खगोलविदों के अनुसार, अगस्त 2025 के मध्य में सुबह के समय आकाश में छह ग्रह पुनः दृष्टिगोचर होंगे. यूरेनस और नेपच्यून को देखना कठिन हो सकता है, इसलिए आपको उपकरणों का उपयोग करना पड़ सकता है. महाकुंभ के संदर्भ में, हर चार वर्ष में तीन पवित्र स्थलों – हरिद्वार, उज्जैन और नासिक – और प्रयागराज में हर 12 वर्ष में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में लाखों तीर्थयात्री शामिल होते हैं. उनका मानना है कि इस समय के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त होती है.