Phulera Dooj 2025: वैदिक पंचांग के मुताबिक फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज कहतें है.वहीं 21 फरवरी 2025 मंगलवार को यह उत्सव मनाया जाएगा. ऐसा माना जाता है की यह दिन श्री राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होता हैं.फुलेरा दूज के दिन हर मंदिर में इस पर्व पर राधा-कृष्ण की मूर्तियों और मंदिरों को बसंत ऋतु के सभी फूलों से सजाया जाता है.ज्यादातर फुलेरा दूज का महत्व वृंदावन और मथुरा में देखने को मिलता हैं.वहीं ऐसी मान्यता है कि फुलेरा दूज पर भगवान श्रीकृष्ण ने फूलों से होली खेलने की शुरुआत की थी.
फुलेरा दूज से क्या संबंध हैं श्री कृष्ण का कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार फुलेरा दूज बसंत ऋतु से शुरू हो जाता है,ऐसा माना जाता हैं कि श्री कृष्ण लंबे समय से श्री राधा रानी से मिलने ब्रज से वृंदावन नहीं आएं थे जिसके कारण पूरा वृंदावन सुखा पतझड़ सा होगया था और राधा रानी निराश हो गई थी .तब श्री कृष्ण ने वृंदावन राधा और गोपियों से मिलने जाने का सोच और राधा रानी के निराश मन को शांत करने के लिए सबसे पहले फूलों की होली खेली थी जिसे पूरा वृंदावन में बसंत ऋतु सा वातावरण हो गया और हरियाली, पवन ,पेड़-पौधें ,पशु- पक्षी सभी में एक अलग सा चमक देखने को मिला.यह दिन फाल्गुन मास का बंसत ऋतु का बहुत खूबसूरत मौसम होता हैं.फुलेरा दूज पूर्ण रूप से श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम को समर्पित है.वैदिक पंचांग अनुसार माने तो यह दिन अबूझ मुहूर्त में होता है ,इस दिन को कोई भी मंगलकारी कार्य करना शुभफलदायक माना जाता हैं.इसलिये इस दिन बहुत से प्रेमी जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधते हैं.ऐसा माना जाता है जो व्यक्ति इस दिन विवाह करता है उसका विवाहित जीवन कृष्ण और राधा के आशीर्वाद से सुखमय और खुशहाल जीवन भर रहता है.
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इन खास फूलों से खेले फुलेरा दूज पर होली
कुमुदिनी के फूल
वैजयंती के फूल
हरसिंगार के फूल
पारिजात के फूल
रजनीगंधा के फूल
वनमाला के फूल
गेंदा के फूल
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