Navratri 2025: इस दौरान घर और मन दोनों को पवित्र माना जाता है. कलश स्थापना का शुभ समय और व्रत का पालन केवल धार्मिक नियम नहीं, बल्कि पॉजिटिव एनर्जी और शांति का प्रतीक भी है. मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा और व्रत करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और मानसिक शक्ति का मिलती है. यह पर्व न केवल आध्यात्मिक बल बढ़ाता है बल्कि परिवार में शांति को भी मजबूत करता है.
ऐसे करें कलश स्थापना
नवरात्रि में कलश स्थापना पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है और इसे प्रतिपदा तिथि पर करना शुभ माना जाता है. इस साल सुबह का पहला मुहूर्त 6:09 से 8:06 बजे तक है और दूसरा अभिजीत काल 11:49 से 12:38 बजे तक है. इस दौरान घर के पूजा स्थल को पूरी तरह साफ रखें और रसोई या टॉयलेट के पास कलश न रखें. एक साफ कलश में जल, अक्षत, फूल और पंचामृत डालें. कलश स्थापित करते समय माता का ध्यान करें और मंत्र जाप करें. स्थापना के बाद इसे पूरे नवरात्रि के दौरान खाली न छोड़ें और अपवित्र हाथों से न छुएं. परिवार के सभी लोग मिलकर पूजा करें, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता बनी रहती है.
पूजा और व्रत का सही तरीका
नवरात्रि में पूजा और व्रत का सही तरीका यह है कि सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें. पूजा स्थल को पूरी तरह से शुद्ध करें और माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. कलश स्थापना के बाद माता का ध्यान करें, मंत्र जाप करें और व्रत का संकल्प लें. व्रत के दौरान काम, क्रोध, लोभ, झूठ, चोरी, शराब, मांस, लहसुन-प्याज जैसी चीजों से दूर रहें और सात्विक भोजन या फलाहार करें. दिन में बिस्तर पर सोने की बजाय जमीन पर सोना शुभ माना जाता है. पूरे नवरात्रि में श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए पूजा करें और माता को भोग अर्पित करें, इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है.
नवरात्रि व्रत के जरूरी नियम
1. जो लोग नवरात्रि के पूरे नौ दिन व्रत रखते हैं, उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी है. यह नियम शादीशुदा या अविवाहित सभी पर लागू होता है.
2. व्रत के दौरान सभी बुरे स्वभावों जैसे क्रोध, लालच, कामवासना आदि से दूर रहें. दूसरों की बुराई न करें. झूठ बोलने, चोरी करने, शराब पीने, जुआ खेलने, मांस खाने या लहसुन-प्याज जैसी तामसिक चीजों से दूर रहें.
3. मां दुर्गा की पूजा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखें. पूजा में उपयोग की जाने वाली सभी वस्तुएं साफ और शुद्ध हों. अशुद्ध या गंदे पदार्थ का इस्तेमाल पूरी तरह मना है.
4. व्रती को दिन में सोने से बचना चाहिए. पूरी नवरात्रि के दौरान बिस्तर पर सोने की मनाही है. जमीन पर सोना अधिक शुभ माना जाता है.
5. यदि आपके घर में नवरात्रि के दौरान कलश स्थापित है या किसी परिवार के सदस्य का नौ दिन का व्रत है, तो पूरे परिवार को तामसिक भोजन और चीजों से दूर रहना चाहिए. सात्विक भोजन करें और व्रती केवल फलाहार करें.

