Navratri 2025: मध्य प्रदेश के देवास जिले के घने जंगलों में स्थित बगोई माता का मंदिर मां ब्रह्मचारिणी के नाम समर्पित है. यहां की महिमा अनोखी मानी जाती है. कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु मां ब्रह्मचारिणी से प्रार्थना करने आता है, वह खाली हाथ नहीं लौटता. भक्तजन अपनी मुरादें पूरी होने या किसी विशेष इच्छा के लिए मां के दर्शन करने यहां पहुंचते हैं और भक्ति भाव से पूजा कर आशीर्वाद पाते हैं. भारत के विभिन्न हिस्सों में मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित कई छोटे और बड़े मंदिर हैं. इनमें से इस मंदिर में मां ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा की जाती है और भोग के रूप में सब्जी अर्पित की जाती है. आइए जानते हैं इस अनोखे मंदिर और इसकी विशेष परंपराओं के बारे में.
इस सब्जी का लगता है भोग
मां ब्रह्मचारिणी तप और संयम की देवी हैं. उन्हें सफेद रंग अत्यंत प्रिय है, इसलिए पूजा में सफेद फूल, फल और मिठाई अर्पित की जाती है. बगोई माता के मंदिर में भोग के रूप में कद्दू की सब्जी भी चढ़ाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि देवी मां के दर्शन मात्र से ही शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
यहां से भक्त कभी नहीं लौटते खाली हाथ
मध्य प्रदेश के देवास जिले के घने जंगल में स्थित बगोई माता का मंदिर मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तजन अपनी हर मनोकामना पूरी होते हुए जाते हैं. भक्ति भाव से पूजा करने और मां को सफेद फूल, फल, मिठाई या कद्दू की सब्जी अर्पित करने से साधक को शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. मन्नत मांगने या पूरी होने पर यहां श्रद्धालु बड़े संख्या में आते हैं और देवी मां के दर्शन कर उनके आशीर्वाद के भागी बनते हैं.

