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Masik Shivratri June 2021: कब है मासिक शिवरात्रि, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व…

Masik Shivratri June 2021: इस समय ज्येष्ठ मास चल रहा है. ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि 8 जून दिन मंगलवार को है. प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. मासिक शिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा-पाठ की जाती है.

Masik Shivratri June 2021: इस समय ज्येष्ठ मास चल रहा है. ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि 8 जून दिन मंगलवार को है. प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. मासिक शिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा-पाठ की जाती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है. आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व…

मासिक शिवरात्रि 2021 जून तिथि

हिन्दी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 08 जून दिन मंगलवार को दिन में 11 बजकर 24 मिनट से हो रहा है. वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 09 जून दिन बुधवार को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर होगा. रात्रि का शुभ मुहूर्त 08 जून को प्राप्त हो रहा है, इसलिए मासिक शिवरात्रि 08 जून को ही मनाई जाएगी.

मासिक शिवरात्रि पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरा​त्रि की पूजा के लिए आपको 40 मिनट का समय प्राप्त होगा. आप 08 जून को रात 12 बजे से देर रात 12 बजकर 40 मिनट के मध्य तक मासिक शिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं.

मासिक शिवरात्रि का महत्व

हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव ने साकार स्वरूप धारण किया था और इस दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. शिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के महामिलन का दिन भी माना जाता है. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. चतुर्दशी तिथि को पूजा करने पर भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरा करते है. शिव की भक्ति के लिए इस दिन को सबसे प्रभावशाली माना गया है, इसीलिए इस दिन शिव पूजा का विशेष महत्व है.

शिवरात्रि व्रत से विवाह संबंधी दिक्कतें होती हैं दूर

कुंवारी लड़कियों के लिए यह व्रत बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि शिवरात्रि व्रत करने पर विवाह में हो रही देरी दूर होती है. इसके साथ ही दांपत्य जीवन बहुत ही सुखमय होता है. दांपत्य जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं. इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों ही रख सकते हैं.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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