Govardhan Puja 2025 Kab Hai: गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है. इस अवसर पर भक्त श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर के सामने अन्नकूट सजाते हैं और उन्हें भक्ति भाव से अर्पित करते हैं. पूजा में मंत्रों का जाप, दीपक प्रज्वलन और आरती शामिल होती है.
कब है गोवर्धन पूजा
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 21 अक्टूबर को शाम 5:54 बजे से आरंभ हो रही है. यह तिथि अगले दिन, 22 अक्टूबर को रात 8:16 बजे तक चलेगी. इसी क्रम में गोवर्धन पूजा इस साल 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
गोवर्धन पूजा धार्मिक महत्व
गोवर्धन पूजा, जो दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है और इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. यह त्योहार भगवान कृष्ण द्वारा इंद्रदेव के अहंकार को पराजित करने की कथा को याद करने के लिए मनाया जाता है.
पूजा करने के लाभ
भगवान विष्णु की पूजा: कार्तिक मास विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है. तुलसी और आंवले की जड़ में उनकी पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं.
मोक्ष की प्राप्ति: इस माह में तुलसी का वृक्ष लगाने वाले भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे यमराज के दर्शन से बचते हैं.
गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है?
गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर गांववासियों और उनकी गौओं की रक्षा करने की कथा से जुड़ी है. इस दिन भक्त भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन होकर उनके हाथों इंद्रदेव के अहंकार पर विजय का स्मरण करते हैं. इसे अन्नकूट के रूप में मनाना भी इसी कारण है, क्योंकि भक्त विविध प्रकार के अन्न और व्यंजन गोवर्धन पर्वत के रूप में सजाकर भगवान को अर्पित करते हैं. यह पर्व न केवल भक्ति और धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति और कृषि के महत्व को भी दर्शाता है.
गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है?
यह पूजा भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर गांव और गौओं की रक्षा करने की कथा को याद करने के लिए की जाती है.
गोवर्धन पूजा कैसे मनाया जाता है?
भक्त गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर अन्नकूट सजाते हैं, भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और विविध प्रकार के भोजन अर्पित करते हैं.
क्या इस दिन विशेष दान या पूजा करनी चाहिए?
हाँ, इस दिन अन्न, भोजन या अन्य आवश्यक वस्तुएँ दान करने और घर में भगवान कृष्ण की पूजा करने का विशेष महत्व है.
अन्नकूट क्या है?
न्नकूट का अर्थ है “अनाज का पर्वत” इस दिन विविध प्रकार के अनाज, व्यंजन और मिठाइयों को भगवान के लिए अर्पित किया जाता है.
अन्नकूट क्यों मनाया जाता है?
अन्नकूट भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा के अवसर पर भक्तों द्वारा उनकी कृपा और संरक्षण के लिए मनाया जाता है.
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