Christmas 2025: ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिसमस का त्योहार बहुत खास होता है. पूरे साल लोग इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं, खासकर बच्चे इस दिन के लिए बेहद उत्साहित रहते हैं. क्रिसमस पर सांता क्लॉज बच्चों को उपहार देता है और उसके बिना यह त्योहार अधूरा सा लगता है.
25 दिसंबर की असली तारीख
असल में, 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था या नहीं, इसका कोई तय प्रमाण बाइबल में नहीं है. कई शताब्दियों तक ईसाई समुदाय ने उनके जन्मदिन के लिए कोई निश्चित तारीख तय नहीं की थी. लेकिन 350 ईस्वी में पोप जूलियस प्रथम ने पहली बार 25 दिसंबर को ईश्वर का जन्मदिन मनाने की तारीख के रूप में चुना. बाद में 529 ईस्वी में रोमन सम्राट जस्टिनियन ने इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया.
क्रिसमस का इतिहास
इतिहास के अनुसार, सबसे पहले 336 ईस्वी में रोम में पहले ईसाई सम्राट के शासनकाल में 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने की शुरुआत हुई थी. इसके कुछ साल बाद पोप जूलियस ने इसे आधिकारिक रूप दे दिया.
एक्स मास क्यों कहा जाता है
क्रिसमस को “एक्स मास” भी कहा जाता है. इसके पीछे रोचक इतिहास है. 1752 में इंग्लैंड में मार्च को साल का पहला महीना माना जाता था, इसलिए दिसंबर दसवां महीना बन गया. “एक्स” रोमन लिपि में 10 यानी दस का प्रतीक है और “मास” का मतलब है महीना. इसलिए दसवें महीने में मनाए जाने के कारण इसे एक्स मास कहा गया.
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प्रेम और खुशियों का त्योहार
क्रिसमस ईसाईयों का सबसे बड़ा त्योहार है, लेकिन सिर्फ उनके लिए ही नहीं. अब यह सभी धर्म और समुदाय के लोग मिलकर धूमधाम से मनाते हैं. यह त्योहार लगभग एक हफ्ते तक चलता है और प्रेम, सौहार्द और खुशियों का संदेश लेकर आता है.

