Aligarh Saas Damad Case, Garud Puran Punishments, Saas Damad Love Story: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक महिला अपने होने वाले दामाद के साथ भाग गई, जबकि इससे पहले मेरठ में मुस्कान नाम की एक महिला ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की हत्या का आरोप लगाया था. प्रेम में विश्वासघात करने वालों के लिए नरक में किस प्रकार की सजा निर्धारित की गई है और उन्हें कौन सी योनि प्राप्त होती है, इस विषय पर गरुड़ पुराण में विस्तार से जानकारी दी गई है. आइए हम विस्तार से समझते हैं कि प्रेम में विश्वासघात करने वालों को मृत्यु के पश्चात नरक में किस प्रकार की दंड का सामना करना पड़ता है. यमदूत उन्हें किस तरह से शिक्षा देते हैं.
मृत्यु के बाद पाप और पुण्य के परिणामों का वर्णन
हिंदू धर्मग्रंथों में जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए स्पष्ट नियम और मार्गदर्शन प्रदान किया गया है. इनमें से एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है गरुड़ पुराण, जो मृत्यु के पश्चात आत्मा की यात्रा, पाप और पुण्य, तथा कर्मों के परिणामों का विस्तृत वर्णन करता है. यह पुराण स्पष्ट रूप से बताता है कि किन कर्मों के फलस्वरूप व्यक्ति को कौन-सा नरक भोगना पड़ता है. विशेष रूप से, जब कोई व्यक्ति सामाजिक, नैतिक और पारिवारिक मानदंडों का उल्लंघन करता है, तो उसे भयंकर दंड का सामना करना पड़ता है.
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इन्हें माना जाता है गंभीर पाप
गरुड़ पुराण के अनुसार, पति या पत्नी के विश्वास को तोड़ना, किसी अन्य के जीवनसाथी के साथ संबंध स्थापित करना, या विवाहेतर संबंधों में संलग्न होना, गंभीर पाप की श्रेणी में आता है. विशेष रूप से, यदि कोई महिला अपने दामाद जैसे पवित्र संबंध को कलंकित करती है, तो वह केवल सामाजिक अपराध नहीं करती, बल्कि धर्म और प्रकृति के नियमों को भी चुनौती देती है.
ऐसे मामलों में गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसी आत्माओं को मृत्यु के पश्चात ‘महापातक नरक’ में भेजा जाता है. इस नरक में आत्मा को अग्नि से जलने वाले बिस्तर पर रखा जाता है, लोहे की गर्म सलाखों से दागा जाता है, और निर्दयी यमदूतों द्वारा यातनाएँ दी जाती हैं. यहाँ आत्मा को बार-बार चेतना के साथ कष्ट का अनुभव कराया जाता है, ताकि वह अपने किए गए कर्मों का प्रायश्चित कर सके.
गरुड़ पुराण यह भी बताता है कि जो व्यक्ति पवित्र संबंधों को कलंकित करता है, उसे अगले कई जन्मों तक दुख और अपमान का सामना करना पड़ता है. उसे समाज में स्वीकार्यता नहीं मिलती और वह मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक कष्ट का शिकार होता है.
जानें क्या है गरुड़ पुराण
पहले समझें गरुड़ पुराण क्या है. गरुड़ पुराण सनातन धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है, जो वैष्णव संप्रदाय से संबंधित है. 18 पुराणों में इसका विशेष स्थान है, क्योंकि इसमें मृत्यु के बाद की यात्रा का विस्तृत वर्णन किया गया है. गरुड़ पुराण में यह बताया गया है कि व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात उसके कर्मों के अनुसार स्वर्ग या नरक का फल प्राप्त होता है. इसके साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि कर्मों के आधार पर अगले जन्म में उसे कौन सी योनि प्राप्त होगी. इसी कारण से, सनातन धर्म में किसी की मृत्यु के बाद घर में गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है, जिसे परिवार के सभी सदस्य सुनते हैं.

