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Achala Saptami या Rath Saptami 2021 आज, इस शुभ मुहूर्त तक, ऐसे करें पूजा, जानें विधि, क्या है इसकी मान्यताएं, महत्व व व्रत करने का तरीका

Achala Saptami 2021, Rath Saptami 2021, Aarogya Saptami, Magha Saptami, Puja Vidhi, Significance, Shubh Muhurat, Date & Timing, Importance, History: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को एक विशेष पर्व मनाने की परंपरा है. इसे अचला सप्तमी (Achala Saptami) व देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. कोई इसे रथ सप्तमी (Rath Saptami) के नाम से तो कोई माघ सप्तमी (Magha Saptami) व कोई आरोग्य सप्तमी (Aarogya Saptami) के नाम से भी मनाता है. इस साल यह पर्व 18 फरवरी, दिन- गुरुवार से शुरू हो चुका है. जो 19 फरवरी यानी आज सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक मनायी जाएगी. आइए जानते हैं क्या है इसका शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और इससे जुड़े पौराणिक कथाओं के बारे में...

Achala Saptami 2021, Rath Saptami 2021, Aarogya Saptami, Magha Saptami, Puja Vidhi, Significance, Shubh Muhurat, Date & Timing, Importance, History: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को एक विशेष पर्व मनाने की परंपरा है. इसे अचला सप्तमी (Achala Saptami) व देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. कोई इसे रथ सप्तमी (Rath Saptami) के नाम से तो कोई माघ सप्तमी (Magha Saptami) व कोई आरोग्य सप्तमी (Aarogya Saptami) के नाम से भी मनाता है. इस साल यह पर्व 18 फरवरी, दिन- गुरुवार से शुरू हो चुका है. जो 19 फरवरी यानी आज सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक मनायी जाएगी. आइए जानते हैं क्या है इसका शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और इससे जुड़े पौराणिक कथाओं के बारे में…

दरअसल, अचला सप्तमी में मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसे माघ या सूर्य के जयंती के तौर पर मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं की मानें तो इस दिन से भगवान सूर्य दुनियाभर में ज्ञान बांटना और अपना प्रकाश फैलाना शुरू किए थे.

क्या है अचला या आरोग्य सप्तमी का महत्व

  • दरअसल, जिनके कुंडली में सूर्य खराब स्थिति में रहता है. उसे इस दिन व्रत करने की सलाह दी जाती है.

  • यही नहीं सूर्य से तेजस पूत्र की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखने की परंपरा है.

  • बिगड़े स्वास्थ्य से यदि आप परेशान रहते हैं तो भी इस दिन व्रत रखकर भगवान सूर्य से अराधना कर सकते हैं.

  • विद्यार्थियों के लिए भी इस दिवस का खास महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने या विधि-विधान से पूजा-पाठ करने से भगवान सूर्य शिक्षा के क्षेत्र में आ रही बाधा को समाप्त करते हैं.

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कैसे करें अचला सप्तमी की पूजा, जानें विधि

  • सबसे पहले सूर्योदय होते ही स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें,

  • फिर भगवान सूर्य और अपने पूर्वजों को अर्घ्य दें,

  • घर से बाहर रंगोली बनाएं और उसमें चारमुखों वाला दीपक जलाएं

  • चारमुखी दीपक पर पुष्प और मिष्ठान अर्पित करें

  • अब गायत्री मंत्र का जाप करें और सूर्य के बीज मंत्र को भी जपना न भूलें,

  • इसके बाद आप जाप करते-करते गुड़, गेहूं, लाल वस्त्र और तांबे के बर्त्तन को गरीबों में दान करें,

  • इसके बाद प्रसाद वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें,

  • फिर परिवार के साथ बैठ कर भोजन ग्रहण करें.

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अचला सप्तमी, रथ सप्तमी, सूर्य सप्तमी की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • अचला सप्तमी, रथ सप्तमी, सूर्य सप्तमी की तिथि – 19 फरवरी 2021

  • सप्तमी तिथि आरंभ – 18 फरवरी 2021, सुबह 08 बजकर 17 मिनट से

  • सप्तमी तिथि समाप्त– 19 फरवरी 2021, सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक

Posted By: Sumit Kumar Verma

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