Vaishakh Purnima 2025 : वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का सनातन धर्म में अत्यंत महत्व है. यह दिन भगवान विष्णु, सत्यनारायण व गौतम बुद्ध की उपासना का शुभ अवसर होता है. 2025 में वैशाख पूर्णिमा 12 मई को पड़ रही है. इस बार पूर्णिमा तिथि पर भद्रा योग का साया रहेगा, जिससे कुछ राशियों पर शुभ तो कुछ पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है. भद्रा काल में कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है, अतः विशेष सावधानी आवश्यक है:-

– भद्रा काल का महत्व और सावधानियां
भद्रा एक विशेष कालगणना है जो पंचांग के अनुसार मानी जाती है.
यह काल अशुभ माना जाता है, खासकर विवाह, पूजन, यात्रा और नए कार्यों के आरंभ हेतु.
इस समय यज्ञ, हवन, या शुभ आरंभ टालना चाहिए.
देवी भद्रकाली को प्रसन्न करने के लिए इस दिन विशेष मंत्र और ध्यान करना फलदायक होता है.
– विष्णु पूजन
श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं.
तुलसी पत्र, पीले पुष्प और चने की दाल अर्पित करें.
विष्णु सहस्रनाम या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें.
– दान का महत्व
ब्राह्मणों, गौ, अन्नहीन व रोगियों को अन्न, वस्त्र, जलपात्र और चंदन दान करें.
वैशाख मास में जल से भरे घड़े का दान विशेष पुण्यकारी होता है.
भद्रा का राशियों पर प्रभाव
– मेष, कर्क, तुला, मकर राशि
सतर्क रहें। निर्णय सोच-समझकर लें, यात्रा से बचें.
विवादों से दूर रहें, संयम रखें.
– वृषभ, सिंह, धनु, कुंभ राशि
सामान्य फल मिलेंगे, ध्यान व पूजा से लाभ.
कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं, लेकिन धैर्य रखें.
– मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मीन राशि
शुभ फल की प्राप्ति, धनलाभ व मानसिक शांति.
पूजा-पाठ और दान पुण्य से विशेष लाभ.
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वैशाख पूर्णिमा पर भद्रा का प्रभाव भले ही कुछ क्षेत्रों में सावधानी की मांग करता हो, परंतु श्रद्धा, भक्ति और सेवा से हर दोष का निवारण संभव है. इस दिन परमात्मा की शरण में आकर जीवन को पवित्र और सफल बनाने का संकल्प लें.