12.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रांची में गरीब आदिवासियों की जमीन छीन रहे दबंग, 38 साल से जमाये रखा है कब्जा, स्थानीय पुलिस-प्रशासन भी मौन

रूदिया गांव में गरीब आदिवासी परिवारों को खेती के लिए सरकार द्वारा भू-दान में दी गयी छह एकड़ 58 डिसमिल जमीन पिछले 38 साल से दबंगों के कब्जे में है.

मेसरा पंचायत के रूदिया गांव में गरीब आदिवासी परिवारों को खेती के लिए सरकार द्वारा भू-दान में दी गयी छह एकड़ 58 डिसमिल जमीन पिछले 38 साल से दबंगों के कब्जे में है. आदिवासी समुदाय के लोग जब भी इस जमीन पर जाते हैं, उन्हें दबंगों के गुंडे मारपीट कर और डरा-धमका कर भगा देते हैं. स्थानीय पुलिस-प्रशासन भी इस मामले में मौन साधे हुए है. जमीन के बारे में बताते हुए गरीब आदिवासियों की आंखें डबडबा गयीं.

लड़खड़ाती जुबान से इन लोगों ने आप बीती सुनायी. कमल मुंडा, कालीचरण मुंडा, सावना मुंडा, बालेश्वर मुंडा, चुन्नीलाल मुंडा व अन्य ने बताया कि बिहार सरकार ने हम गरीब आदिवासी परिवारों को खेती कर जीवन यापन के लिए यह जमीन दी थी. साथ ही जमीन का पट्टा और प्रमाण पत्र भी दिया था. लेकिन, उस जमीन पर हमलोगों के पूर्वज खेती करने गये, तो वहां के दबंग लोगों ने जमीन पर हमारा दखल नहीं होने दिया.

उस वक्त वे लोग हमारे पूर्वजों के साथ भी मारपीट करते थे और अपने पालतू कुत्तों से हमला करवाते थे. वर्तमान में भी जब हम अपनी जमीन पर खेती करने जाते हैं, तो उनलोगों के गुंडे गोली मारने की धमकी देते हैं. हमारे साथ मारपीट व दुर्व्यवहार किया जाता है. हम इसकी सूचना स्थानीय थाने को देते हैं, पर कुछ नहीं होता है. इनका आरोप है कि पुलिस दबंगों के प्रभाव में हैं. वे उल्टा हमें ही जेल भेजने की धमकी देते हैं. इसलिए हमलोग डर से जमीन पर नही जाते हैं.

संयुक्त बिहार सरकार ने 1984-85 में दी थी जमीन :

संयुक्त बिहार सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री जगरनाथ मिश्रा ने यहां के आदिवासी समुदाय के सात परिवारों को खेती कर गुजर बसर करने के लिए भू-दान में जमीन (मौजा-मेसरा, प्लॉट नंबर-1156, खाता नंबर-140, रकवा-छह एकड़ 58 डिसमिल) दी थी. उस समय अनुमंडल पदाधिकारी, कांके अंचल अधिकारी समेत प्रशासनिक पदाधिकारियों का कुनबा गांव में आया था और सामूहिक रूप से जमीन का पट्टा और प्रमाण पत्र दिया था. अंचल कार्यालय द्वारा 1985 से सभी परिवारों का पंजी-2 खोल कर रसीद भी काटी जा रही है.

जमीन धारियों की प्रतिक्रिया :

कमल मुंडा कहते हैं कि जब भी जमीन पर खेती करने जाते हैं, देवेंद्र बुधिया के आदमी हमारे साथ मारपीट करने लगते हैं. कालीचरण मुंडा ने कहा कि सरकार ने जमीन तो दी, लेकिन हमारे पूर्वज उस जमीन पर दखल करने में सफल नहीं हुए. कांके अंचल के अधिकारियों से गुहार लगा कर थक गये, लेकिन कुछ नहीं हुआ. मजदूरी कर पेट पाल रहे हैं.

सावना मुंडा ने कहा :

हमारे पूर्वजों को भी ताकतवर लोग मारते-पीटते थे. अब हमलोग भी जब भी खेती के लिए जमीन पर जाते है, तो गोली मारने की धमकी दी जाती हैं. बालेश्वर मुंडा ने बताया कि जब जमीन पर जाते है, तो थाना की पुलिस को भेज कर हमें खेती करने से रोक दिया जाता है. पुलिस जेल भेजने की बात कह कर डराती है. चुनी लाल मुंडा ने कहा : सरकार हम गरीबों को खेती-बारी के लिए जमीन दी है, लेकिन देवेंद्र कुमार बुधिया (पिता आत्मा राम बुधिया) ने हम आदिवासियों पर ही केस कर दिया. हमलोगों को परेशान किया जा रहा है. मजदूरी करने जायें या केस लड़ें?

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel